झारखंड में आज से लगेगा युगांतर भारती का पर्यावरण मेला, विशेषज्ञ देंगे व्याख्यान
23 फरवरी को झारखंड के सभी जिलों में चित्रांकन व निबंध प्रतियोगिता होगी. इसी दिन शाम में छऊ नृत्य होगा. 24 फरवरी को ‘प्रदूषण और स्वास्थ्य पर इसके कुप्रभाव’ विषय पर संगोष्ठी होगी
युगांतर भारती का 10 दिवसीय पर्यावरण मेला बुधवार से मोरहाबादी मैदान में शुरू होगा. मेला का उद्घाटन शाम चार बजे झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति डॉ एसएन पाठक करेंगे. मुख्य अतिथि वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव होंगे. मेले में पर्यावरण संरक्षण से जुड़े विशेषज्ञों का व्याख्यान होगा. वहीं, प्रत्येक दिन शाम में सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा. बुधवार की शाम बनारस घराने के शहनाई वादक संजीव शंकर एवं अश्विनी शंकर अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे.
23 फरवरी को झारखंड के सभी जिलों में चित्रांकन व निबंध प्रतियोगिता होगी. इसी दिन शाम में छऊ नृत्य होगा. 24 फरवरी को ‘प्रदूषण और स्वास्थ्य पर इसके कुप्रभाव’ विषय पर संगोष्ठी होगी. कोलकाता के डॉ मानस रंजन रे संबोधित करेंगे. शाम को पाईका और कालबेलिया नृत्य का आयोजन होगा. 25 फरवरी को ‘पर्यावरण की नीति एवं न्यायिक हस्तक्षेप’ विषय पर संगोष्ठी होगी. सर्वोच्च न्यायालय के वरीय पर्यावरणीय अधिवक्ता एसके उपाध्याय का व्याख्यान होगा.
आयोजन समिति के सरयू राय ने बताया कि 26 फरवरी को ‘पारंपरिक व्यवहार एवं वैश्विक पर्यावरणीय प्रशासन’ विषय पर संगोष्ठी होगी. इसमें केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण विभाग के अवकाश प्राप्त महानिदेशक एसके कुमार एवं डॉल्फिन मैन के नाम से विख्यात आरके सिन्हा और आई-फॉरेस्ट के निदेशक चंद्रभूषण शामिल होंगे. 27 फरवरी को ‘तकनीक चालित विश्व में जीने का अभ्यास’ विषय पर संगोष्ठी होगी.
इसमें मुख्य वक्ता के रूप में केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और आइआइटी दिल्ली के प्राध्यापक एवं शोधकर्ता प्रो एसइ हसनैन संबोधित करेंगे. 28 फरवरी को ‘कृत्रिम बुद्धिमता विकास का पर्यावरण पर प्रभाव’ विषय पर संगोष्ठी होगी. इसमें विशेषज्ञ कुंदन कुमार लाल की गोष्ठी होगी. एक मार्च को ‘पुर्नचक्रण एवं टिकाव विकास’ विषय पर संगोष्ठी होगी.
इसमें मुख्य वक्ता रिसाइक्लिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष आरपी शर्मा होंगे. दो मार्च को स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण पर सीएसआर एवं सीआइआर की भूमिका विषय पर संगोष्ठी होगी. तीन मार्च को मेले का समापन होगा. इस अवसर पर प्रख्यात चिंतक गोविंदाचार्य का व्याख्यान होगा. इसी दिन पद्म विभूषण तीजन बाई (पंडवानी) लोक गीत प्रस्तुत करेंगी.