रांची के बिरसा जू में जल्द आयेंगे जेब्रा, कोलकाता से लाने की चल रही तैयारी
राजधानी रांची के एकमात्र जू भगवान बिरसा जू में लोगों को जेब्रा भी देखने को मिलेगा. इन्हें लाने की तैयारी चल रही है. बिरसा जू में जेब्रा के आ जाने के बाद यहां जानवरों की संख्या 87 हो जायेगी.
Ranchi Birsa Zoo News: राजधानी रांची के एकमात्र जू भगवान बिरसा जू में लोगों को जेब्रा भी देखने को मिलेगा. इन्हें लाने की तैयारी चल रही है. बिरसा जू में जेब्रा के आ जाने के बाद यहां जानवरों की संख्या 87 हो जायेगी. बिरसा जू में अब तक लोग 86 विभिन्न तरह के पशु-पक्षियों का दीदार करते हैं. जल्द की जेब्रा भी देखेंगे. हालांकि अभी इन्हें लाने की योजना बन रही है. कब तक जेब्रा ले आया जायेगा, इसे लेकर समय तय नहीं किया गया है.
कोलकाता से जेब्रा लाने की प्लानिंग
बिरसा जू प्रबंधन के अनुसार बिरसा जू में जेब्रा कोलकाता के अलीपूर जू से लाने की प्लानिंग है. वहां से एक जोड़ा जेब्रा बिसा जू रांची लाया जायेगा. मिली जानकारी के अनुसार जेब्रा के बदले एक जोड़ा भालू और पांच सफेद मृग देने पर समझौता हुआ है. समझौता की जानकारी दोनों उद्यान प्रशासन द्वारा केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) को दे दी गई है.
प्राधिकरण की ओर से अभी निर्णय बाकी
बताते चलें कि जेब्रा लाने को लेकर उद्यान प्रबंधन की ओर से केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को पत्र भेजा जा चुका है. प्राधिकरण की ओर से निर्णय लिए जाने के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. अभी तक इस मामले पर निर्णय नहीं हो सका है. सीजेडए का अनुमोदन मिलने के बाद जानवरों को लाने और भेजने की प्रक्रिया शुरू होगी. जेब्रा के आने के बाद जू में जानवरों की प्रजाति की संख्या 86 से बढ़कर 87 हो जाएगी.
बिरसा जू राज्य का दूसरा जू जहां होगा जेब्रा
भगवान बिरसा जैविक उद्यान में जेब्रा के आने के बाद यह राज्य का दूसरा जू होगा, जहां लोग जेब्रा देख सकेंगे. इससे पहले झारखंड में टाटा स्टील जुलॉजिकल पार्क टाटा में इजराइल के तेल अबीव से 2014 में जेब्रा लाया गया था.
बिरसा जू में आठ साल पहले बना आवास
बिरसा जू में जेब्रा का इंक्रोजर 2008 में और आवास 2014 में बना था. बताते चलें कि जेब्रा झारखंड के दो जू के अलावा नंदन कानन जू ओडिशा, संजय गांधी जू पटना, कोलकाता, दिल्ली और मैसूर आदि जू में है. बताते चलें कि बिरसा जैविक उद्यान 83 हेक्टेयर में बसा है. इनमें हाथी, सांभर, नील गाय, कोटरा, कृष्ण मृग, चीतल के अलावा सांप घर, दरियाईघोड़ा, मगरमच्छ, घड़ियाल, बन्दर, लकड़बग्घा, सियार, लोमड़ी, शेर, जंगली बिल्ली, तेंदुआ बिल्ली, साहिल, तेंदुआ, बाघ, शुतुरमुर्ग आदि हैं.