फसल लहलहाते ही गरजती है बंदूकें

सुनील ठाकुर साहिबगंज : जब भी गंगा नदी में बाढ़ आती है तो दियारा में कलाई की फसल अच्छी होती है. जब फसल लहलहाती है तभी दियारा के अपराधी इसे काटने की योजना बनाने लगते हैं. दियारा के किसानों को अपराधी तत्वों के आतंक से बचाने और उन्हें फसल का वास्तविक लाभ दिलाने के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2014 5:44 AM

सुनील ठाकुर

साहिबगंज : जब भी गंगा नदी में बाढ़ आती है तो दियारा में कलाई की फसल अच्छी होती है. जब फसल लहलहाती है तभी दियारा के अपराधी इसे काटने की योजना बनाने लगते हैं. दियारा के किसानों को अपराधी तत्वों के आतंक से बचाने और उन्हें फसल का वास्तविक लाभ दिलाने के लिए एसपी अवध बिहारी राम ने क्राइम मीटिंग में ही यह निर्देश संबंधित थाना प्रभारी को दे दिया है कि पुलिस की देख-रेख में फसल कटवाने की व्यवस्था हो.

नहीं हुआ जमीन का सर्वे

दियारा की जमीन का सर्वे भी करीब एक दशक से नहीं होने और हर वर्ष गंगा का कटाव होने के कारण जमीन का मालिकाना हक भी लोगों से छिनता जा रहा है. रामपुर और गदाई दियारा के सैकड़ों परिवार विस्थापन का दंश ङोल रहे हैं. स्थिति जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली है. कलाई की फसल जब पक कर तैयार होती है तो दियारा में बंदूकों के गरजने की आवाज आने लगती है.

अपराधी गिरोह के लोग इसी बीच फसल काट कर चले जाते हैं. साहिबगंज और मनिहारी के बीच दियारा क्षेत्रों में जिन लोगों की जमीनें है उनमें से अधिकांश लोग शहर में आकर रहने लगे हैं. वे अपनी जमीनों को आधी पर देकर छोड़ देते हैं और जो भी फसल मिल गयी उसी से संतोष कर लेते है.

पगला, रासबिहरी व दीना गिरोह सक्रिय

दियारा कि स्थिति यह है कि यहां पर फसल चराने के विवाद को लेकर भी गोलियां चलती है. कुछ वर्षो पूर्व जो अपराधी गिरोह यहां पर सक्रिय थे. उनमें पगला गिरोह, रासबिहारी गिरोह, दीना गिरोह शामिल है. पर अभी भी यहां पर कई अपराधी गिरोह सक्रिय है.

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