बेकार . पेयजलापूर्ति योजना पर 50 करोड़ से ज्यादा खर्च हुए, लेकिन फायदा नहीं
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शहर में एक लाख की आबादी अब भी प्यासी
बेकार . पेयजलापूर्ति योजना पर 50 करोड़ से ज्यादा खर्च हुए, लेकिन फायदा नहीं साहिबगंज : शहर भले ही नमामि गंगेे के तहत स्मार्ट सिटी की ओर बढ़ रहा हो, लेकिन यहां की एक लाख से अधिक की आबादी हर दिन स्वच्छ पेयजल के लिये जद्दोजहद करती है. शहर में करीब 50 करोड़ 64 लाख […]
साहिबगंज : शहर भले ही नमामि गंगेे के तहत स्मार्ट सिटी की ओर बढ़ रहा हो, लेकिन यहां की एक लाख से अधिक की आबादी हर दिन स्वच्छ पेयजल के लिये जद्दोजहद करती है. शहर में करीब 50 करोड़ 64 लाख रुपये की जलापूर्ति योजना पर डोशियन कंपनी को कार्य दिया गया है. नगर पर्षद ने एग्रीमेंट के मुताबिक सभी डीप बोरिंग से लेकर वाटर वर्क्स और जलकल कर्मियों के संचालन की जिम्मेवारी सौंप रखी है. लेकिन पिछले तीन वर्षों से कार्य बंद है. काली सूची में डाली गयी है.
जिससे लोगो को दिक्कत हो रही है. जल पुरुष सिंधेश्वर मंडल द्वारा हाइ कोर्ट में केस करने के बावजूद कार्य नहीं हो सका है. जिससे आम लोगों के इतने प्रोजेक्ट पर कार्य करने वाली कंपनी के पास पेयजल से वंचित क्षेत्रों में पानी पहुंचाने के लिये पर्याप्त संसाधन नहीं है. महज तीन पानी टेंकर के बूते शहरवासी की प्यास बुझाने की जुगत कर रही है. रसुलपुर दहला, पटनिया टोला, पंचमोडवा, गुल्लीभट्ठा में पानी चल रही है. लेकिन बिजली बाधित रहने के कारण यहां भी पानी की दिक्कत है.
साहिबगंज के 28 वार्ड के मोहल्ले में पानी पहुंचाने की कोई व्यवस्था तक नहीं है. शहर में अधिकांश वार्डों के आधे व एक चौथाई वार्डों तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था नहीं है. शहरी जलापूर्ति के कार्यों के बंद होने से शहरवासी को पानी मिलना भी मुश्किल हो गया है. बहरहाल शहर में सुबह हो या शाम नलों की टोटियों की तलाश में लोग निकल पड़ते हैं. इसके लिये महिलाएं भोजन तैयार के पहले पानी के जुगाड़ में जुट जाती है.
पानी के जुगाड़ में पढ़ाई बाधित
पांच मोड़वा के रहने वाले सुनील तांती, सरोज, पंकज कहते हैं कि परिजनों की प्यास बुझा सके इसके लिये पानी के जुगाड़ में नोनीहाल भी सुबह से जुटे रहते हैं. इससे उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है. नलों पर पानी के लिये डब्बों की कतार और पहले पानी लेने की होड़ प्रशासनिक व्यवस्था की पोल खोल रही है. ऐसे क्षेत्रों को नगर पर्षद ने सूची तैयार की है. जहां प्याऊ, चापाकल व निजी के माध्यम से लोगों की प्यास बुझा रही है. इसके लिये भी महिलाएं व मोहल्ले वाले नालों की टोटी निहारने को विवश हो गयी है.
आज भी लोग पानी के लिए भटकते हैं
क्या कहते हैं पीएचइडी कार्यपालक अभियंता
शहरी जलापूर्ति योजना तो बंद है लेकिन दहला में पानी सप्लाइ हो रही है. पश्चिमी फाटक के समीप ट्रांसफॉर्मर लगाने के कारण दिन में विद्युत आपूर्ति बाधित है. जल्द ही पानी सप्लाइ इन क्षेत्रों में होगी.
विजय कुमार एडमिन, कार्यपालक अभियंता, पीएचइडी, साहिबगंज.
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