डॉक्टर हड़ताल पर, मरीज परेशान

एनएमसी का विरोध. साहिबगंज व पाकुड़ जिले के अस्पतालों में ओपीडी सेवा बंद दूर-दराज के मरीज बगैर इलाज के ही लौटे घर इमरजेंसी में बढ़ा दबाव, 75 मरीजों का हुआ इलाज साहिबगंज : आइएमए के राष्ट्रीय आह्वान पर जिलेभर के 35 निजी और सरकारी डॉक्टर मंगलवार को एक दिन के हड़ताल पर रहे. इसका सीधा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 3, 2018 2:54 AM

एनएमसी का विरोध. साहिबगंज व पाकुड़ जिले के अस्पतालों में ओपीडी सेवा बंद

दूर-दराज के मरीज बगैर इलाज के ही लौटे घर
इमरजेंसी में बढ़ा दबाव, 75 मरीजों का हुआ इलाज
साहिबगंज : आइएमए के राष्ट्रीय आह्वान पर जिलेभर के 35 निजी और सरकारी डॉक्टर मंगलवार को एक दिन के हड़ताल पर रहे. इसका सीधा असर अस्पतालों के ओपीडी सेवा पर पड़ा. हड़ताल के कारण अस्पताल व निजी नर्सिंग होम में इलाज कराने पहुंचे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. आइएमए के सचिव मोहन पासवान ने बताया कि सरकारी और निजी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बाधित रही.
सभी डॉक्टर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया एमसीआइ को रद्द कर नेशनल मेडिकल काउंसिल एनएमसी बनाने के सरकार के फैसले पर विरोध जताया. निजी व सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर पहुंचे तो जरूर, लेकिन ओपीडी में मरीजों को नहीं देखा. अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं ही बहाल रही. अस्पताल में डीएस डॉ सुरेश कुमार व डॉ गुंजन गौरव ने इमरजेंसी में सुबह 9 से 3 बजे तक 75 मरीजों को देखा.
मरीजों को हुई परेशानी
साहिबगंज जिला सदर अस्पताल में मंगलवार को मरीजों को इलाज कराने में काफी परेशानी हुई. महाराजपुर से घायल मरीज पिंकी देवी के परिजन संतोष कुमार स्वर्णकार ने बताया कि मेरी सास का पैर टूट गया है. इस कारण इलाज के लिए सदर अस्पताल भटकते रहे. साथ ही बताया कि अस्पताल के इमरजेंसी में एक ही डॉक्टर हैं. तालझारी से आयी मझली मुर्मू ने बताया कि अपने पति बड़का मुर्मू का इलाज कराने आये थे, लेकिन भीड़ अधिक थी, इसलिए बिना डॉक्टर को दिखाये वापस जा रहे हैं. वही सुबह 9 बजे से 3 बजे तक डॉक्टर सुरेश कुमार इमरजेंसी के 70 मरीजों को देख चुके थे.
क्या हैं मांगें
एमसीआइ की जगह नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) की स्थापना नहीं हो, एग्जीट परीक्षा नहीं ली जाये आदि.
क्या कहते हैं सचिव
साहिबगंज जिले के सभी सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में एक दिन की ओपीडी बंद रही. डॉक्टरों ने मंगलवार का दिन काला दिवस के रूप में मनाया है. पूर्व की तरह केवल इमरजेंसी सेवा ही बहाल थी.
डॉ मोहन पासवान, सचिव सह उपाध्यक्ष, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन साहिबगंज व झारखंड राज्य सर्विस हेल्थ एसोसिएशन संताल परगना

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