छह माह से चावल नहीं, बच्चों के खिचड़ी पर भी आफत

उदासीनता. आंगनबाड़ी केंद्रों में नहीं बन रहा एमडीएम आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की उपस्थिति घटी बरहेट : प्रखंड क्षेत्र में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में विगत छह माह से चावल नहीं रहने के कारण बच्चों को खिचड़ी नहीं मिल पा रहा है. इसके साथ ही बीते चार माह से सेविकाओं का मानदेय भी नहीं मिला है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2018 5:53 AM

उदासीनता. आंगनबाड़ी केंद्रों में नहीं बन रहा एमडीएम

आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की उपस्थिति घटी
बरहेट : प्रखंड क्षेत्र में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में विगत छह माह से चावल नहीं रहने के कारण बच्चों को खिचड़ी नहीं मिल पा रहा है. इसके साथ ही बीते चार माह से सेविकाओं का मानदेय भी नहीं मिला है.
आंगनबाड़ी केंद्रों में खिचड़ी बंद होने के कारण बच्चों की उपस्थिति नगण्य हो गयी है और केंद्रों पर केवल सेविकाएं ड्यूटी करने के लिये उपस्थित रहती है वहीं सेविकाओं को विगत चार माह से मानदेय नहीं मिलने के कारण उनमें निराशा अस्पष्ट देखने को मिल रहा है. इस संबंध में सेविकाओं ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया इस प्रकार व्यक्त की है.
क्या कहती हैं सीडीपीओ
सीडीपीओ भारती ने कहा कि चावल ऊपर से ही नहीं दिया जा रहा था. इस कारण आंगनबाड़ी केंद्रों में चावल नहीं दिया जा रहा था. अब चावल उपलब्ध हो गया है, जल्द ही सभी केंद्रों में चावल उपलब्ध करा दिया जायेगा. सेविकाओं के मानदेय को लेकर अपसेंटी भेजा जा रहा है. जल्द ही जिला से मानदेय भुगतान किया जायेगा.
क्या कहती हैं सेविकाएं
केंद्र में बीते अगस्त माह से चावल उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. जिसके कारण आंगनबाड़ी केंद्र में खिचड़ी नहीं बनायी जाती है. जिस कारण बच्चे नहीं आते हैं.
– शांति मेरी टुडू
मानदेय नहीं मिलने और आंगनबाड़ी के लिये चावल नहीं मिलने के कारण अब केवल आंगनबाड़ी आते हैं और चले जाते हैं. बच्चे नहीं आते हैं.
– प्रोमिला किस्कू
पिछले चार माह से मानदेय नहीं मिलने के कारण घर की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गयी है. इसके साथ ही विगत 6 माह से चावल नहीं मिल रहा है. जिसके कारण आंगनबाड़ी केंद्र में एमडीएम बंद है.
– पॉलिना मुर्मू
विगत चार माह से प्रखंड के आंगनबाड़ी सेविकाओं को मानदेय नहीं मिला है.

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