पंचायतीराज को खत्म करने की हो रही साजिश

संकल्प पत्र को निरस्त करने की मांग साहिबगंज : मुखिया स्टीफन मुर्मू ने कहा कि मुखिया को ग्रामसभा की अध्यक्षता करनी है, आम सभा की नहीं. पंचायती राज सचिव के पत्र में मुखिया की उपस्थिति का जिक्र नहीं है. झारखंड सरकार ग्रामीण विकास विभाग के संकल्प पत्र ज्ञापांक 25/2018 809 रांची, 13 मार्च18 को तत्काल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2018 6:25 AM

संकल्प पत्र को निरस्त करने की मांग

साहिबगंज : मुखिया स्टीफन मुर्मू ने कहा कि मुखिया को ग्रामसभा की अध्यक्षता करनी है, आम सभा की नहीं. पंचायती राज सचिव के पत्र में मुखिया की उपस्थिति का जिक्र नहीं है. झारखंड सरकार ग्रामीण विकास विभाग के संकल्प पत्र ज्ञापांक 25/2018 809 रांची, 13 मार्च18 को तत्काल निरस्त करने की मांग रघुवर सरकार से मांग की है. सरकार के इस आदेश के विरुद्ध झारखंड मुखिया संघ चरणबद्ध आंदोलन करेगा. संविधान के 73वां संशोधन को दर्शाया है. साथ ही लिखा है कि इस संशोधन का मुख्य लक्ष्य ग्राम पर स्थानीय स्वशासन स्थापित करना है. जिससे गांव के विकास में प्रत्यक्ष भागीदारी ग्राम सभा की हो.
हर स्तर के पंचायत जनप्रतिनिधि ग्राम सभा के निर्णय के अनुरूप कार्य कर सकें. आदिवासी विकास एवं ग्राम विकास समिति का गठन कर गैर संवैधानिक कार्य किया गया है. सरकार के इस फैसले के विरोध में मुखिया संघ ने सड़क पर उतरने की रणनीति बनायी है. आदिवासी विकास समिति और ग्राम विकास समिति का बहिष्कार करने का निर्णय लिया. पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि, जीवन बीमा व पेंशन योजना लागू करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की बात कही. मुखिया संघ का एक शिष्टमंडल ग्राम विकास समिति गठन रद्द करने का मांग पत्र जेएसएस सुभाष दास को सौंपा. मौके पर मुखिया स्टीफन मुर्मू, मीना बास्की, कांतिवाली सोरेन, प्रमीला किस्कू, देवेंद्र मालतो, सुनील किस्कू, रीता मालतो, मीरा सोरेन, धर्मी पहाड़िन आदि उपस्थित थे.
बिजली मिस्त्री को उठाकर ले गये ग्रामीण
भजन मंडली को सम्मानजनक राशि देने की मांग
महत्वपूर्ण सुझाव
गंगा में जमे गाद सिल्टशन जो रामपुर दियारा गोपालपुर समदा आदि स्थानों पर बंद मुहाने को खोलना
गंगा में शहर के नाली के माध्यम से गिर रही गंदगी को चिह्नित कर रोकना व ट्रीटमेंट कर ही नदी में गिरना सुनिश्चित हो
गंगा घाट पर कूड़ा-कचरा, पूजा सामग्री अपशिष्ट पदार्थ, पॉलीथिन, प्लास्टिक, दातुन, पाउच आदि के उपयोग प्रतिबंध हो. उपयोग करने वाले आर्थिक दंड का प्रावधान हो.

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