झारखंड के इन 83 गांवों में बाढ़ का खतरा, जलस्तर खतरे के निशान से 78 सेमी ऊपर

अमित सिंह साहिबगंज : जिले में बहनेवाली गंगा उफान पर है. हर दिन गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. वर्तमान में जलस्तर प्रतिदिन 15 से 25 सेमी की रफ्तार से बढ़ रहा है. गंगा के बढ़ते जलस्तर से जिले की 11 पंचायत के 83 गांव पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. दर्जनों गांवों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 9, 2018 6:23 AM
अमित सिंह
साहिबगंज : जिले में बहनेवाली गंगा उफान पर है. हर दिन गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. वर्तमान में जलस्तर प्रतिदिन 15 से 25 सेमी की रफ्तार से बढ़ रहा है. गंगा के बढ़ते जलस्तर से जिले की 11 पंचायत के 83 गांव पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. दर्जनों गांवों में गंगा का पानी प्रवेश कर गया है.
साथ ही कई गांव पूरी तरह बाढ़ के पानी से घिर गया है. कई गांव का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट गया है. पीड़ित परिवार अपने मवेशी व परिवार के साथ ऊंचे स्थान की ओर पलायन करने लगे हैं. अगर गंगा का जलस्तर इसी रफ्तार में बढ़ता रहा तो रामपुर दुर्गा स्थान, मकई टोला, पीलर टोला, धीसु टोला, कारगिल दियारा, लालबथानी का अंश भाग के साथ दर्जनों गांव व जिला मुख्यालय के बिजली घाट के सामने कमलटोला का अंश भाग, हबीबपुर, हरिपुर, गोपालपुल सिन्हा टोला का प्रत्येक घर पूरी तरह जलमग्न हो जायेगा. केंद्रीय जल आयोग के स्थल प्रभारी रंजीत मिश्रा ने बताया कि शनिवार को सुबह छह बजे गंगा का जलस्तर 28.03 मीटर मापा गया, जो खतरे के निशान 27.25 मीटर से 78 सेमी ऊपर बह रहा है. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में गंगा का जलस्तर दो घंटे में तीन सेमी की रफ्तार से बढ़ रहा है. रविवार को सुबह 6 बजे तक गंगा का जलस्तर 28.20 मीटर होने का संकेत मिला है.
अनाज का पर्याप्त भंडार है
सरकार को बाढ़ के बारे में पत्र लिखा गया है. हमारे पास पर्याप्त मात्रा में अनाज व अन्य सामान हैं. 30 लाख रुपये भी आपदा फंड में है. प्रशासन हर मामले से निबटने के लिए तैयार है.
अनमोल सिंह, एसी , साहिबगंज.
500 एकड़ में लगी फसल में घुसा पानी, किसान चिंतित
गंगा के जलस्तर में हो रही वृद्धि के कारण दियारा क्षेत्र में 500 एकड़ में लगी फसल में बाढ़ का पानी घुस गया है. किसान चिंतित हैं. किसान नेता शंकर यादव ने बताया कि गंगा में आयी बाढ़ के कारण 500 एकड़ में लगी फसल में गंगा का पानी प्रवेश कर गया है. अगर गंगा का जलस्तर इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो किसान जीते जी मर जायेंगे.

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