राजनगर : सत्ता का केंद्र दिल्ली व रांची नहीं, 32 हजार गांवों में बनाना लक्ष्य : सुदेश महतो

राजनगर : आजसू सुप्रीमो सह पूर्व डिप्टी सीएम सुदेश महतो अपने स्वराज स्वाभिमान यात्रा के दूसरे चरण में बुधवार को राजनगर पहुंचे. इस दौरान विभिन्न गांवों में पदयात्रा करते हुए जन चौपाल लगाया. लोगों को संबोधित करते हुए आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं चलती हैं, लेकिन चौपाल में आते-आते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 1, 2018 8:18 AM
राजनगर : आजसू सुप्रीमो सह पूर्व डिप्टी सीएम सुदेश महतो अपने स्वराज स्वाभिमान यात्रा के दूसरे चरण में बुधवार को राजनगर पहुंचे. इस दौरान विभिन्न गांवों में पदयात्रा करते हुए जन चौपाल लगाया. लोगों को संबोधित करते हुए आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं चलती हैं, लेकिन चौपाल में आते-आते दम तोड़ देती हैं. इसलिए सत्ता का केंद्र दिल्ली व रांची नहीं, 32 हजार गांवों में बनाना ही लक्ष्य है.
स्वराज स्वाभियान यात्रा का उद्देश्य बताते हुए कहा कि झारखंड के लोगों को राज्य मिल गया, परंतु स्वराज नहीं मिला. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चिंतन व दर्शन का केंद्र गांव ही रहा है.
इस यात्रा का मकसद यही है कि आम आदमी की आवाज और सवाल सियासत और सत्ता को सुनने-सुलझाने के लिये बाध्य करे. भगवान बिरसा मुंडा ने भी आबुआ दिशुम, आबुआ राज की परिकल्पना की थी. स्वराज स्वाभियान यात्रा के तहत इसका आकलन करने निकले हैं कि स्वराज के मुकाम पर हम और हमारा झारखंड राज्य कहां खड़ा है.
सुदेश ने कहा कि असली सरकार रांची व दिल्ली में बैठे लोग नहीं है, बल्कि गांव के लोग है. गांव की बेहतरी के लिये जो निर्णय गांव के चौपाल में होना चाहिये थी, वह सेक्रेट्रिएट व कलेक्ट्रिएट में हो रहा है. यह झारखंड के लिये दुर्भाग्य की बात है. आजसू अध्यक्ष सुदेश महतो ने राजनगर स्थित सिदो-कान्हू एवं सहदेव महतो की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.

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