पर्यावरण बचेगा, हम बचेंगे

– वनों को लील रहे माफिया, लोगों में है जागरूकता की कमीसाहिबगंज : पर्यावरण पर संकट का असर गंगा पर साफ दिखता है. दिन व दिन गंगा का जलस्तर गिरता जा रहा है. गंगा सिमटती जा रही है. गंगा किनारे बसने वाले किसानों व मछुआरों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिखती हैं. आम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:45 PM

– वनों को लील रहे माफिया, लोगों में है जागरूकता की कमी
साहिबगंज : पर्यावरण पर संकट का असर गंगा पर साफ दिखता है. दिन व दिन गंगा का जलस्तर गिरता जा रहा है. गंगा सिमटती जा रही है. गंगा किनारे बसने वाले किसानों व मछुआरों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिखती हैं. आम तौर पर फरक्का में गंगा का जलस्तर 72 फीट रहता था. लेकिन वर्तमान में इसमें महज70.9 फीट ही पानी है.

वायु प्रदूषण

शहर में सड़कों पर धूल उड़ना आम बात है. इससे लोग तरह तरह की बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं. रात के समय सड़क पर पत्थरों से ओवरलोड ट्रक चलने पर उड़ती धूल पर्यावरण दुषित कर रहे हैं. इस पर ना तो प्रशासन ध्यान दे रही है ना ही जन प्रतिनिधि.

जंगली जानवर विलुप्त

राजमहल की पहाड़ियों में दस वर्ष पहले बाघ, तेंदुआ, भालू लकड़बाग्घा, सियार व सूअर पाये जाते थे. पक्षियों में यहां मोर, तीतर, बटेर आदि पाये जाते थे. लेकिन अब ये विरले ही देखने को मिलते हैं. वनों के क्षीजन से जंगली जानवर भी विलुप्त हो रहे हैं. जो चिंतनीय विषय है.
– सुखने लगी गंगा –

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