बरहरवा/पतना : अल्पसंख्यकों और आदिवासियों को वोट बैंक समझती है भाजपा : हेमंत
बरहरवा के गुमानी व पतना में हेमंत की चुनावी सभा बरहरवा/पतना : पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि अल्पसंख्यकाें, दलित और आदिवासियों को भाजपा सिर्फ वोट बैंक समझ कर उन्हें लूटने के लिए चुनाव में आती है और लालच दिखा कर वोट लेती है. अब संताल परगना की जनता जाग चुकी है. इन्हें […]
बरहरवा के गुमानी व पतना में हेमंत की चुनावी सभा
बरहरवा/पतना : पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि अल्पसंख्यकाें, दलित और आदिवासियों को भाजपा सिर्फ वोट बैंक समझ कर उन्हें लूटने के लिए चुनाव में आती है और लालच दिखा कर वोट लेती है. अब संताल परगना की जनता जाग चुकी है.
इन्हें मुंहतोड़ जवाब देगी, ताकि ये आने वाले दिन में मुंह दिखाने लायक न रहें. हेमंत मंगलवार को बरहरवा प्रखंड के गुमानी हाई स्कूल मैदान व पतना के कुंवरपुर फुटबॉल मैदान में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने गो हत्या व गो तस्करी के नाम पर सभी मवेशी हाट को बंद कर दिया है. गरीबों के लिए पूंजी उनका पशुधन होता है और उन्हें बेचने के लिए कोई बाजार नहीं है.
यदि अल्पसंख्यक भाई अपने पशुधन को बेचने के लिए कहीं ले जा रहे हैं, तो भाजपा के लोग मॉब लिंचिंग की घटना को अंजाम दे रहे हैं. भाजपा संविधान को तोड़ना चाहती है. भाजपा राम-रहीम की विरासत को तोड़ने में लगी है. भाजपा बड़े-बड़े पूंजीपतियों का लोन माफ करने में लगी हुई है और गरीब किसान को कर्ज तले दबा रही है.
इसलिए सभी लोग महागठबंधन के प्रत्याशी विजय हांसदा को जीता कर दिल्ली भेजने का काम करें. मौके पर झामुमो के केंद्रीय सचिव सह पूर्व विधायक अकील अख्तर, केंद्रीय सचिव पंकज मिश्रा, झाविमो जिलाध्यक्ष राजकुमार यादव, कांग्रेस प्रदेश महासचिव एमटी राजा, नजरूल इस्लाम समेत कई लोग मौजूद थे. इधर पाकुड़ में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा पैसे के बल पर लोकतंत्र, संविधान और संवैधानिक संस्थानों पर कब्जा जमा रही है. उसके पास गरीब, दलित, आदिवासी, किसानों के लिए काम करने की कोई योजना नहीं है.
श्री सोरेन मंगलवार को पाकुड़ ब्लॉक के रहसपुर गांव में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने भाजपा को देश के लिए खतरा बताया. कहा कि आज देश को अगर किसी से खतरा है, तो वह भाजपा से है. देश में भय का माहौल बना दिया गया है. आलम यह है कि कब क्या हो जाये, कहना मुश्किल है.