संत जॉन बर्कमन्स इंटर कॉलेज में तोड़फोड़ के विरोध में निकाला मौन जुलूस, DC को सौंपा ज्ञापन
साहिबगंज : संत जॉन बर्कमन्स इंटर महाविद्यालय मुंडली में क्षति पहुंचाने वाले नामजद अभियुक्तों पर त्वरित करवाई होनी चाहिए. उक्त बातें शिक्षक अभिभावक संघ के सचिव थॉमस कुशिवेलि ने कही. रेलवे जनरल इंस्टिट्यूट से सोमवार को हजारों आदिवासी समाज के लोगों ने काली पट्टी बांधकर मौन जुलूस निकाला. मौन जुलूस शहर के विभिन्न मार्गों से […]
साहिबगंज : संत जॉन बर्कमन्स इंटर महाविद्यालय मुंडली में क्षति पहुंचाने वाले नामजद अभियुक्तों पर त्वरित करवाई होनी चाहिए. उक्त बातें शिक्षक अभिभावक संघ के सचिव थॉमस कुशिवेलि ने कही. रेलवे जनरल इंस्टिट्यूट से सोमवार को हजारों आदिवासी समाज के लोगों ने काली पट्टी बांधकर मौन जुलूस निकाला. मौन जुलूस शहर के विभिन्न मार्गों से होकर समाहरणालय के पास मैदान में जाकर सभा के रूप बदल गया.
सभा में कहा गया कि बीते 3 सितंबर को संट जॉन बर्कमन्स इंटर महाविद्यालय एवं लोयोला आदिवासी छात्रावास मुंडली तीनपहाड़ पर सैकड़ो की संख्या में भीड़ द्वारा हमला किया गया और चुनिंदा छात्रों को पीटा गया. जिसमें दो छात्रों की स्तिथि दयनीय है. महाविद्यालय में तोड़फोड़ करने के बाद छात्रावास में तोड़फोड़ की गयी, जिसमें लाखों का नुकसान हुआ है.
इस घटना के बाद कुछ नामजद लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करवायी गयी थी. लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी. इससे शैक्षणिक जगत के सभी प्रबुद्ध जनमानस आहत व सशंकित हैं.
ज्ञापन के माध्यम से इन सात बिन्दुओं को उठाया गया
निष्क्रिय स्थानीय व जिला पुलिस प्रशासन की भूमिका, स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों की चुप्पी व निष्क्रियता, छात्रों की आड़ में समाज विरोधी तत्वों की जांच व गिरफ्तारी, अभियुक्तों द्वारा महाविद्यालय को ही ध्वस्त और समाप्त कराने की योजना का पर्दाफास, कॉलेज प्रशासन के अधिकारियों व छात्रावास के छात्रों की अभियुक्तों से जान माल की सुरक्षा, कॉलेज एवं लोयोला आदिवासी छात्रावास की लाखों रुपये की संपति की क्षतिपूर्ति अभियुक्तों से वसूली जाए, संत जॉन बर्कमन्स विद्यालय एवं छात्रावास की सुरक्षा के लिए मुंडली में एक पुलिस चौकी स्थापित की जाए.
हाथों में विभिन्न तख्तियां लिए कर रहे थे मांग
मौन जुलूस में सभी काली पट्टी लगाकर हाथों में तख्तियां लेकर न्याय की मांग कर रहे थे, तख्तियों पर पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन चुप्पी तोड़ो, मानवता पर प्रहार करना बंद करो, पुलिस प्रशासन होश में आओ, अपराधियों को संरक्षण देना बंद करो, हमें न्याय चाहिए, तेरी तानाशाही नहीं चलेगी सहित अन्य नारे लिखे थे.