वर्चस्व की लड़ाई में अपराधी आमने-सामने
राजमहल : राजमहल व तालझारी थाना क्षेत्र में एक बार फिर वर्चस्व की लड़ाई को लेकर दो आपराधिक गिरोहों में गैंगवार की स्थिति बनती दिख रही है. खबर है कि दोनों गिरोह ठेकेदारी में अपना वर्चस्व कायम करने को लेकर एक दूसरे के जान के दुश्मन बन गये हैं. पुलिस भी ऐसी स्थिति को भांपते […]
राजमहल : राजमहल व तालझारी थाना क्षेत्र में एक बार फिर वर्चस्व की लड़ाई को लेकर दो आपराधिक गिरोहों में गैंगवार की स्थिति बनती दिख रही है. खबर है कि दोनों गिरोह ठेकेदारी में अपना वर्चस्व कायम करने को लेकर एक दूसरे के जान के दुश्मन बन गये हैं. पुलिस भी ऐसी स्थिति को भांपते हुए काफी सतर्क भी हो गयी है. अपराधियों की तलाश में जगह-जगह छापेमारी की जा रही है.
सूत्रों की मानें तो बीते 14 फरवरी को तीनपहाड़ बोरियो रोड पर चम्दीपहाड़ के समीप शहरपुर निवासी खुदीराम साह उर्फ गुड्डू साह की हत्या इसी वर्चस्व की लड़ाई का अंजाम है. गुड्ढू साह आपराधिक गिरोह पकंज लाला का सदस्य बताया जा रहा है. वर्ष 2009 में बाबूपुर निवासी सुरेंद्र भारती की हत्या कोलकाता के सोनारपुर थाना अंतर्गत कवि नजरूल इस्लाम मेट्रो स्टेशन के समीप पंकज लाला ने गोली मारकर कर दी थी. पंकज लाला को मौके पर लोगों ने पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया था. यह बात गिरोह के सदस्यों को नागवार नहीं गुजर रही. सोनारपुर थाना पुलिस ने कांड संख्या 514/09 के तहत पंकज लाला के अलावे सोहन साह, गुड्डू साह व अन्य के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की है.
एक बार फिर चर्चा में आ गया तीनपहाड़
2012 में दिलदार अपहरण के बाद फिर एक बार तीनपहाड़ में आपराधिक गिरोह का तांडव चर्चा में आया. पुलिस आज तक दिलदार का पता नहीं लग पाया. जानकारी के अनुसार सगड़भंगा निवासी दिनेश पंडित नाम युवक ने दिलदार को अपने साथ मोटसाइकिल में बैठाकर ले गया था. उसके बाद अपराधियों द्वारा फिरौती के रूप में 10 लाख रुपया मांगी गयी थी. परजिनों के साथ 6.5 लाख में फिरौती का रक म तय हुआ था. फिरौति की रकम दिये जाने के बाद भी अपराधियों ने दिलदार को मुक्त नहीं किया. उपरांत परिजनों ने राजमहल थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी. दिलदार के पत्नी के बयान पर पुलिस ने दिनेश पंडित के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की.
नये गिरोहों की क्षेत्र में बढ़ रही सक्रियता !
पुलिस सूत्रों की मानें तो दिलदार अपरहण कांड के अभियुक्त दिनेश पंडित, भारती गिरोह व अन्य गिरोह के सदस्यों ने एक साथ मिलकर कोई नया गिराह बनाया है. जिसका मुख्य कारण तालझारी प्रखंड क्षेत्र में संचालित विभिन्न सरकारी योजनाओं के ठेकेदारी व ठेका दिलाने में वर्चस्व के रूप में देखा जा रहा है. दिलदार अपहरण कांड के बाद दिनेश ने 2013 में अपने ही गांव सगड़भंगा निवासी सुरेंद्र ठाकुर का हत्या कर सुर्खियों में रहा. भले ही पुलिस दिनेश के घर में कुर्की जब्ती कर खानापूर्ति कर ली. परंतु पुलिस दिनेश पंडित को गिरफ्तार नहीं कर पायी.
सुरेंद्र भारती की हत्या का कहीं बदला तो नहीं
लोगों में चर्चा है कि गुड्डू साह की हत्या कहीं सुरेंद्र भारती की हत्या का बदला तो नहीं है! वर्ष 2009 में सुरेंद्र भारती कीहत्या के बाद पूरा गिरोह पंकज लाला की डर व पुलिस की दबिश के कारण क्षेत्र छोड़कर भाग गया था. कुछ सदस्य पंकज के गिरोह में शामिल हो गये. भारती की हत्या के बाद क्षेत्र में एक मात्र लाला गिरोह ही सक्रिय रहा.