ओके ::: पलायन को मजबूर अंक के धुरंधर

प्रतिनिधि, साहिबगंजमैट्रिक की परीक्षा में अंक के धुरंधरों ने जबरदस्त सफलता हासिल की है. लेकिन सबसे बड़ी समस्या इन धुरंधरों के लिए यह है कि यहां इंटर की पढ़ाई के लिए संस्थानों की कमी है. इन बच्चों का सपना होता है कि वे मैट्रिक की परीक्षा पास कर अपने शहर में ही इंटर की पढ़ाई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 19, 2015 6:03 PM

प्रतिनिधि, साहिबगंजमैट्रिक की परीक्षा में अंक के धुरंधरों ने जबरदस्त सफलता हासिल की है. लेकिन सबसे बड़ी समस्या इन धुरंधरों के लिए यह है कि यहां इंटर की पढ़ाई के लिए संस्थानों की कमी है. इन बच्चों का सपना होता है कि वे मैट्रिक की परीक्षा पास कर अपने शहर में ही इंटर की पढ़ाई करे. लेकिन संस्थानों व उनमें सीटों की कमी के कारण उनका यह सपना पूरा नहीं हो सकता है. साहिबगंज महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सिकंदर यादव ने बताया कि आर्ट्स संकाय व साईस संकाय में क्रमश: 640-640 सीट मौजूद हैं. यानि कुल 1280 छात्र-छात्राएं ही महाविद्यालय में इंटर के लिए नामांकन करा पायेंगे. ऐसे में परेशानी सबसे अधिक शहरी छात्र छात्राओं के लिए है. साहिबगंज महाविद्यालय के अतिरिक्त राजस्थान हाई स्कूल में इंटर की पढ़ाई होती है. जिसमें सीटों की संख्या बहुत ही कम है. प्राचार्य समसुल हक ने बताया कि आर्ट्स में 128 व साईस में 128 सीटें हैं. वहीं विद्यालय अंतर्गत वोकेशनल कोर्स के इडीए में 48, एससीआर में व बीएएन में 48-48 सीटें मौजूद हैं. यानि राजस्थान हाई स्कूल में 400 बच्चे इंटर में दाखिला ले सकते हैं. वहीं रेलवे हाई स्कूल में इंटर की पढ़ाई समाप्त की जा चुकी है. जिससे सीटों का टोटा और बढ़ गया है. ऐसे में कड़ी कम मार्क्स वाले छात्र-छात्राओं का जिला या शहर में ही इंटर की पढ़ाई कर पाना मुश्किल दिख रहा है. मजबूरन छात्र छात्राओं को बाहर का रुख अख्तियार करना पड़ सकता है.—————————– साहिबगंज कॉलेज में कुल 1280 सीट.

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