अनुबंधकर्मियों की सेवा हो स्थायी

सात सूत्री मांगों को लेकर संघ ने दिया धरना साहिबगंज : यूपीए सरकार के कार्यकाल में बेलगाम महंगाई, बेरोजगारी एवं कर्मचारी विरोधी नीतियों से त्रस्त देश के अन्य राज्यों के कर्मचारियों के साथ-साथ झारखंड राज्य के कर्मचारी भी यह अपेक्षा करते रहे हैं. यह बातें अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के जिला मंत्री भगवान प्रसाद गुप्ता ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2015 11:04 PM
सात सूत्री मांगों को लेकर संघ ने दिया धरना
साहिबगंज : यूपीए सरकार के कार्यकाल में बेलगाम महंगाई, बेरोजगारी एवं कर्मचारी विरोधी नीतियों से त्रस्त देश के अन्य राज्यों के कर्मचारियों के साथ-साथ झारखंड राज्य के कर्मचारी भी यह अपेक्षा करते रहे हैं.
यह बातें अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के जिला मंत्री भगवान प्रसाद गुप्ता ने बुधवार को समाहरणालय के समीप राष्ट्र व्यापी प्रतिवाद दिवस के मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए कही.
उन्होंने कहा कि नयी सरकार के आने पर स्थिति में निश्चित रूप से बदलाव होगा. लेकिन एक वर्ष से अधिक समय व्यतीत हो जाने के बावजूद महंगाई वृद्धि दर यथावत है,
बेरोजगारी समाप्त करने की कोई ठोस नीति तैयार नहीं हो पाई है, अनुबंध, मानदेय, आउटसोर्सिग पर नियोजित कर्मियों को स्थायी करने एवं भविष्य में स्थायी नियोजन की व्यवस्था करने, वर्ष 2004 से लागू नयी पेंशन योजना को वापस लेते हुए पूर्व से लागू पेंशन योजना को ही क्रियान्वित कराने, वर्ग तीन एवं चार के कर्मियों को आयकर के दायरे से पूर्णतया बाहर करने आदि मामले यथावत हैं.
साथ ही छठे वेतन पुनरीक्षण की त्रुटियों को दूर करते हुए राज्यों में सातवां वेतन पुनरीक्षण का लाभ ससमय उपलब्ध कराने का मामला भी सवाल के दायरे में है. वहीं दूसरी ओर बढ़ती महंगाई के परिपेक्ष्य में महंगाई भत्ता में वृद्धि के बदले उसमें लगातार कमी की जा रही है.
पूर्व से लागू श्रम कानूनों में कर्मचारी विरोधी बदलाव की साजिश की जा रही है. अंगरेजों के समय से लागू सरकारी कर्मचारी आचार संहिता में लोकतांत्रित बदलाव के बजाय कर्मचारी के संघर्ष एवं स्वतंत्रता पर हमले की तैयारी हो रही है.
किसान एवं समाज के मध्यम व निम्न वर्ग के लोगों को प्रोत्साहित करने के बदले हतोत्साहित किया जा रहा है. राज्यकर्मियों के मामले में झारखंड सरकार की उदासीन रवैया अपनाये हुए हैं.
उपरोक्त वर्णित बिंदुओं पर गहराई से गौर करने एवं तदनुसार झारखंड सरकार को निदेश देने की आवश्यकता महसूस करते हुए केंद्र सरकार से मांग किया गया है.
धरना के बाद एक शिष्टमंडल डीसी के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम पत्र सौंपा. इस अवसर पर संघ के राणा रणविजय सिंह, चंद्रभूषण सिंह, जय किशोर झा, भगवान गुप्ता, रतन अधिकारी, मुकेश सिन्हा, दिलीप कुमार, मनोहर दास सहित दर्जनों कर्मचारी उपस्थित थे.
क्या है मांगें
सभी अनुबंध कर्मियों और अस्थायी कर्मचारियों की सेवा स्थायी की जाय, राष्ट्रीय पेंशन योजना को रद कर सभी को पेंशन देना सुनिश्चित की जाय, कॉरपोरेट घरानों के पक्ष में श्रम कानूनों में संशोधन करना बंद की जाय, छठा वेतन पुनरीक्षण के शेष बचे हुए लाभों को अविलंब लागू की जाय, सातवें वेतन पुनरीक्षण के लाभों को सभी राज्यों में लागू की जाय.

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