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By Prabhat Khabar Digital Desk | November 10, 2015 7:06 PM

ओके :: वायु व ध्वनि प्रदूषण स्वास्थ्य पर पड़ता प्रतिकूल असरप्रदूषण से दीपावली की रात बन जाती काली रातआम दिनाें की तुलना चार गुना अधिक होता है प्रदूषणसंवाददाता, साहिबगंज: देश के प्रदूषित शहरों में साहिबगंज का भी स्थान आता है. दीपावली काली रात बनकर आती है. इस दिन पटाखे की शोर और बारूद से ध्वनि और वायु प्रदूषण चार गुनी अधिक हाेती है. इसका स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रात दस बजे के बाद पटाखे छोड़ने पर पाबंदी लगा रखी है. लेकिन दीपावली की पूरी रात पटाखे की आवाज से दहशत में बीतती है. पटाखे कोयलांचल की फिजां में और जहर भर देते हैं. इस बार केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देश पर शहर के चार क्षेत्रों में दीपावली के पूर्व और दीपावली के दिन ध्वनि और वायु प्रदूषण मापने के लिए मशीन लगाई गई हे. इसमें बरटांड, बाटा मोड़, चौक बाजार, स्टेशन रोड, कृष्ण नगर, गुल्ली भट्टा, पुलिस लाईन, पंचगढ, पुरानी साहिबगंज, तडबन्ना और जोडाफाटक शामिल है. दीपावली के दूसरे दिन इसकी रिपोर्ट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जारी करेगा. डॉ एके झा ने बताया कि ज्यादा ध्वनि के पटाखे से बुजुर्ग व बच्चे की सेहत पर असर पड़ता है. घर से बाहर खुले आसमान में पटाखे छोड़ने चाहिये. वायु व ध्वनि प्रदूषण से नुकसानध्वनि प्रदूषण के कारण बहरेपन की बीमारी बढ़ती है.ध्वनि प्रदूषण के कारण लोगों को माइग्रेन भी हो सकता है.लोगों में चिड़चिड़ापन का कारण भी ध्वनि प्रदूषण हो सकता है.छोटे बच्चों पर ध्वनि प्रदषूण का सर्वाधिक असर पड़ता है. वायु प्रदषूण का स्वास्थ्य पर असर नाक बंद होना, कफ की समस्या एवं नेत्र दोषश्वास लेने में परेशानी तथा अचानक चेतना में ह्रास व्यस्कों के मुकाबले बच्चों पर तीन गुणा ज्यादा होता है असरअस्थमा और दृष्टिकोष की समस्या

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