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नहाय खाय के साथ महापर्व छठ शुरू , खरना आज प्रभात खबर टोली, महेशपुर/पाकुड़ियासूर्योपासना का महापर्व छठ रविवार को नहाय-खाय के साथ प्रारंभ हो गया. बाजार व मुहल्ले छठ गीतों से गुंजने लगे हैं. व्रतधारी महिला व पुरुषों ने स्थानीय बांसलोई नदी व अन्य जलाशयों में स्नान के बाद देव स्थानों में पूजन कर महापर्व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 15, 2015 7:14 PM

नहाय खाय के साथ महापर्व छठ शुरू , खरना आज प्रभात खबर टोली, महेशपुर/पाकुड़ियासूर्योपासना का महापर्व छठ रविवार को नहाय-खाय के साथ प्रारंभ हो गया. बाजार व मुहल्ले छठ गीतों से गुंजने लगे हैं. व्रतधारी महिला व पुरुषों ने स्थानीय बांसलोई नदी व अन्य जलाशयों में स्नान के बाद देव स्थानों में पूजन कर महापर्व का अनुष्ठान शुरू किया. चार दिवसीय महापर्व के पहले दिन कद्दू भात खाया. व्रतधारियों ने कद्दू मिश्रित विविध प्रकार के व्यंजन बना कर व्रतधारियों ने उसे सबसे पहले भगवान को भोग लगाया तब स्वयं ग्रहण किया. छठ पर्व के नहाय-खाय के बारे में ऐसी मान्यता है कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के चतुर्थी के दिन गंगा स्नान कर सात्विक भोजन कद्दू भात खाने से व्रत करने वाले का मन व शरीर शुद्ध रहता है. वहीं पाकुड़िया में भी लोक आस्था का महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ रविवार को प्रारंभ हो गया. प्रखंड मुख्यालय के अलावा मोंगलाबांध, गणपुरा, राजदाहा, फूलझिंझरी आदि ग्रामों में इस महापर्व को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है. खरना का है विशेष महत्व लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर व्रतियों द्वारा सोमवार को खरना की जायेगी. खरना में व्रती द्वारा पकवान बना कर भगवान को अर्पित किया जाता है. इसके लिए दूध में अरवा चावल देकर एक अलग कमरे में प्रसाद तैयार किया जाता है. उसके बाद केला के पत्ते तथा मिट्टी के बर्तन में भगवान को भोग लगाया जाता है. उसके पश्चात छठ व्रती चंद्रमा को अर्घ्य देकर खीर व पकवान ग्रहण करती है. खरना को लेकर खास बात यह है कि व्रती नि:शब्द वातावरण में भगवान को भोग लगा कर प्रसाद ग्रहण करते हैं.

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