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बोबी पहाड़िन की शिकायत : पति की हुई हत्या – खून से लतपत कपड़े व बोरियां मिली- घंटों छानबीन के बाद भी शव नहीं मिला————–फोटो नं 30 एसबीजी 15,16 हैं.कैप्सन: सोमवार को खून से लतपत कपड़े को दिखाती बोबी पहाड़िन.प्रतिनिधि, बोरियोबोरियो थाना क्षेत्र के दुर्गा टोला अंतर्गत नवगाछी पहाड़ निवासी बोबी पहाड़िन ने बोरियो थाना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2015 7:15 PM

बोबी पहाड़िन की शिकायत : पति की हुई हत्या – खून से लतपत कपड़े व बोरियां मिली- घंटों छानबीन के बाद भी शव नहीं मिला————–फोटो नं 30 एसबीजी 15,16 हैं.कैप्सन: सोमवार को खून से लतपत कपड़े को दिखाती बोबी पहाड़िन.प्रतिनिधि, बोरियोबोरियो थाना क्षेत्र के दुर्गा टोला अंतर्गत नवगाछी पहाड़ निवासी बोबी पहाड़िन ने बोरियो थाना पहुंचकर पति उषा पहाड़िया 40 वर्ष के गायब होने व हत्या की आशंका की शिकायत की है. सोमवार को बोरियो पुलिस नवगाछी पहाड़ पहुंचकर ग्रामीणों से पूछताछ की. बोबी पहाड़िन रविवार को सुबह 7 बजे उत्क्रमित मध्य विद्यालय के बाहर बरामदे पर सोया हुआ था तभी वो हटिया करने के लिये अपने बच्चों के साथ साहिबगंज गयी थी. जब 2 बजे लौटी तो पति को गायब देखा. काफी खोजबीन के बाद वे नहीं मिले. इसी दौरान स्कूल के बरामदे पर एक बोरा खून से पूरी तरह सना हुआ था. साथ में चादर कंबल पर खून के बड़े बड़े धब्बे थे. इसे देखकर वो भयभीत हो गयी है. बोबी ने शिकायत की है कि गांव के तीन लोगों के साथ उनका हमेशा झगड़ा होता था, शायद उन्हीं लोगों ने उनकी हत्या कर दी.कपड़ों को जब्त किया पुलिस नेबोरियो थाना प्रभारी ने खून से लतपत चार व बोरे को बरामद कर मामले की छानबीन कर रही है. मौके पर अनि कन्हाई शर्मा, सअनि नंदकिशोर सिंह, गारदी बालरा सहित पुलिस के जवान मौजूद थे.घंटों जंगलों में दौड़ती रही पुलिसबोरियो . बोबी पहाड़िन द्वारा पति उषा पहाड़िया 40 वर्ष की हत्या की शिकायत के बाद पुलिस नवगाछी गांव के जंगलों में खाक छानती रही. लेकिन शव बरामद नहीं किया जा सका. सवाल उठ रहे हैं कि अचानक उषा पहाड़िया कहां गायब हो गया. खून से लतपत कपड़ा व बोरा कहां से आया.स्कूल में रहता था उषा का परिवारबोरियो . उषा पहाड़िया व उनका परिवार उत्क्रमित मध्य विद्यालय नवगाछी के एक कमरे में रह कर अपना जीवन यापन करता था. गरीबी व लाचारी के कारण वे उजड़ी झोपड़ी की मरम्मत नहीं करा पाये. किसी तरह मेहनत व मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते थे. गरीबी व लाचारी के कारण झोपड़ी के टूट जाने के कारण मरम्मत नहीं करा पाया.

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