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ओके:::: पर्यावरण के संरक्षण से बदलेगी सूरतजलवायु परिवर्तन एक वैश्विक समस्या पर सेमिनार आयोजित, वक्ताओं ने कहा वनों की कटाई पर रोक लगाने पर बलप्रचुर मात्रा में वृक्षारोपण जरूरी फसल के बचे अवशेष को खेतों में न जलाने पर जोर18 दिसंबर फोटो संख्या-03 व 04-बरहरवा से जा रहा हैकैप्सन-मंच पर उपस्थित प्राचार्य व उपस्थित छात्र-छात्राएंप्रतिनिधि, पतनाबीएसके कॉलेज बरहरवा में शुक्रवार को रसायनशास्त्र विभाग की ओर से जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक समस्या पर सेमिनार का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रभारी प्राचार्य डॉ रघुनंदन राम ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस दौरान रसायनशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ भागीरथ प्रसाद सिंह ने जलवायु परिवर्तन विषय पर कहा कि सुनामी, बादल का फटना, केदारनाथ त्रासदी, केरल में आयी बाढ़ आदि जलवायु परिवर्तन के ही प्रमुख कारण है. वर्तमान में पूरे विश्व में वायु प्रदूषण एक विकट समस्या है. जनसंख्या वृद्धि के कारण वास के लिये वनों की अंधाधुंध कटाई, यातायात के लिये वाहनों का प्रयोग व उद्योग धंधों के लिये कल-कारखानों का चालू होना वायु प्रदूषण का मुख्य श्रोत है. वर्तमान में वैज्ञानिक आधार के अनुसार यह बताया गया कि तापमान पांच गुणा अधिक बढ़ गया है. जिस कारण लोगों को काफी नुकसान हो रहा है. इसको लेकर वनों की कटाई के साथ-साथ अत्यधिक मात्रा में वृक्षारोपण करना, वाहन का प्रयोग जरूरत पड़ने पर करना, फसल के बचे अवशेष को खेतों में न जलाना तभी वातावरण को संतुलित कर पायेंगे. वहीं प्रभार प्राचार्य डॉ रघुनंदन राम ने कहा कि महाविद्यालय में प्रत्येक वर्ष पांच सेमिनार का आयोजन किया जायेगा. विद्यार्थी को सभी सेमिनार में भाग अनिवार्य होगा. ताकि वर्तमान में देश की स्थिति व जलवायु परिवर्तन पर छात्र अपनी-अपनी राय दे सके. वहीं रसायन विभाग के छात्र-छात्राएं भी ग्लोबल वार्मिंग पर अपनी-अपनी राय दी. मौके पर डॉ चंदन बोहरा, डॉ ज्योतिष प्रसाद, डॉ भागीरथ पंडित, प्रो महाकांत झा, प्रो मोहन भगत, प्रो शंभु झा के अलावे महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.