समाहरणालय के समक्ष दिया धरना

साहिबगंज : पहाड़िया आदिम जनजाति संतालपरगना के मूलवासी रहे हैं. यह बातें पहाड़िया मुक्ति सेना के नेता दयालाल देहरी ने गुरुवार को समाहरणालय के समक्ष पांच सूत्री मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कही. कहा, पहाड़िया समुदाय ने अपने हक के लिए अंग्रेजों से भी लड़ा था. पहाड़िया विद्रोह की शांति के लिये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2016 5:21 AM

साहिबगंज : पहाड़िया आदिम जनजाति संतालपरगना के मूलवासी रहे हैं. यह बातें पहाड़िया मुक्ति सेना के नेता दयालाल देहरी ने गुरुवार को समाहरणालय के समक्ष पांच सूत्री मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कही. कहा, पहाड़िया समुदाय ने अपने हक के लिए अंग्रेजों से भी लड़ा था.

पहाड़िया विद्रोह की शांति के लिये अंग्रेजों को हारकर 1782 ई में पहाड़िया परिषद और 17 जुलाई 1823 ई में दामिन ई कोह जैसे कानून बनाने पड़े. लेकिन पहाड़ियाओं का दुर्भाग्य रहा कि आजादी के बाद इतना प्रखर इतिहास रहने के बावजूद भी आज पहाड़िया जाति की दशा दयनीय है. वहीं आज सरकार की उपेक्षाओं के कारण ही जहां लोग विकास के नाम पर धर्म परिवर्त्तन और पहाड़िया संस्कृति को खत्म करने में लगे हैं. इसके पूर्व एक शिष्टमंडल डीसी से मिलकर पांच सूत्री मांग पत्र सौंपा.

ये थे उपस्थित
कार्यक्रम में गयालाल देहरी, वीरेन्द्र पहाड़िया, ब्रेन्टुस मालतो, सूरजा सुलेमान मालतो, अब्राहम मालतो, क्रिष्टीदास मालतो, फिलीप मालतो, डोम्बा पहाड़िया, गांगी पहाड़िन, मथियस मालतो, देवा पहाड़िया, धरमू पहाड़िया, हजरत मालतो, प्रभुचरण मालतो सहित अन्य उपस्थित थे.

Next Article

Exit mobile version