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आदिवासी-मूलवासी के साथ खिलवाड़

विरोध. ब्यूरोक्रेट्स के कहने पर सरकार ने स्थानीयता को परिभाषित किया : हेमंत सोरेन रघुवर सरकार की ओर से स्थानीयता को परिभाषित किये जाने का चहुंओर विरोध हो रहा है. प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने कहा कि यह नीति आदिवासी-मूलवासी की भावना के साथ खिलवाड़ है. पतना : नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा […]

विरोध. ब्यूरोक्रेट्स के कहने पर सरकार ने स्थानीयता को परिभाषित किया : हेमंत सोरेन

रघुवर सरकार की ओर से स्थानीयता को परिभाषित किये जाने का चहुंओर विरोध हो रहा है. प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने कहा कि यह नीति आदिवासी-मूलवासी की भावना के साथ खिलवाड़ है.

पतना : नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि रघुवर सरकार ने स्थानीयता को परिभाषित कर वोट बैंक की राजनीति की है. आदिवासी व मूलवासियों के साथ खिलवाड़ हुआ है़ ऐसा ब्यूरोक्रेट्स के कहने पर किया गया है. उक्त बातें श्री सोरेन ने शनिवार को पतना में पत्रकारों से बात करते हुए कही़ उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों को बसाना एक षड्यंत्र है. यहां के लोगों को रघुवर सरकार ने छलने का काम किया है. इसका फायदा बाहरी लोगों को होगा.

पेयजल के लिए भटक रहे लोग : हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार के लचर रवैये के कारण शहरी जलापूर्ति योजना धीमी गति से चल रही है. राज्य की जनता पेयजल के लिए भटक रही है. वहीं सरकार हाथ पर हाथ रख कर बैठी है. सरकार सिर्फ वादों पर चल रही है.

नेताओं के पोस्टर पर कालिख व गोबर फेंका : रांची. असामाजिक तत्वों ने शनिवार को हिनू चौक समेत कई जगहों पर लगे नेताओं के पोस्टर पर कालिख व गोबर फेंका. सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन ने पोस्टर को साफ कराया़ शहर के कई इलाकों में सरहुल व रामनवमी की बधाई देने के लिए नेताओं के पोस्टर लगाये गये हैं.

सुदेश व चंद्रप्रकाश का पुतला फूंका रांची. झारखंड कुरमी युवा मोरचा ने स्थानीयता के खिलाफ अलबर्ट एक्का चौक पर आजसू अध्यक्ष सुदेश महतो व मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी का पुतला फूंका.

मोरचा के अध्यक्ष संतोष कुमार महतो ने कहा कि दोनों नेताओं ने स्थानीयता का समर्थन कर झारखंडियों व झारखंड के शहीदों का अपमान किया है. श्री महतो ने कहा है कि जहां-जहां ये दोनों नेता जायेंगे, मोरचा के सदस्य इन्हें काला झंडा दिखा कर विरोध करेंगे. मौके पर संतोष महतो, राजकुमार महतो, हेमंत महतो, भजोहरी महतो, राजू महतो आदि थे़

जनता में भ्रम की स्थिति : रांची. माकपा राज्य सचिव गोपीकांत बख्शी ने कहा कि कैबिनेट में स्थानीयता को परिभाषित किये जाने के बाद राज्य की जनता के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो गयी है.उन्होंने इस प्रस्ताव की प्रति राजनैतिक दलों को भी देने की मांग की़ सरकार ने सात अप्रैल 2015 को इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों से सलाह मांगी थी. उसके बाद सरकार की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया़

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में इस तरह के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक में आम राय बनाने का प्रयास करना चाहिए. कैबिनेट के प्रस्ताव को विधानसभा में चर्चा के लिए रखा जाना चाहिए. माकपा ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. अनुसूचित क्षेत्रों में 10 वर्षों तक ही स्थानीय को नौकरी देने की जो घोषणा की गयी है, इससे आदिवासियों के अधिकारों का हनन होगा़ 30 साल की समय सीमा से जनता के बीच विभाजन की संभावना है.

मुख्यमंत्री ने साहसिक फैसला लिया : रांची. आदिवासी सरना धर्म समाज के संयोजक लक्ष्मी नारायण मुंडा ने मुख्यमंत्री द्वारा स्थानीयता को परिभाषित किये जाने का स्वागत किया़ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास का यह साहसिक फैसला है.

हालांकि श्री मुंडा ने कहा कि नियोजन के लिए आरक्षण सीमा 50 प्रतिशत को बढ़ा कर न्यूनतम 73 प्रतिशत किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि एसटी/एससी व पिछड़ी जातियों की संख्या ज्यादा है़ इसलिए आरक्षण कोटा के बढ़ाया जाना चाहिए़

झामुमो ने मुख्यमंत्री को दिखाया काला झंडा

सरायकेला/खरसावां : स्थानीयता को परिभाषित किये जाने के विरोध में शनिवार को झामुमो कार्यकर्ताओं ने खरसाडवां पहुंचे मुख्यमंत्री रघुवर दास को चांदनी चौक पर काला झंडा दिखाया.

झामुमो विधायक व कार्यकर्ता स्थानीय नीति को वापस लेने का नारा लगाते हुए अंतिम सेटलमेंट सर्वे के आधार पर स्थानीय नीति घोषित करने की मांग कर रहे थे. झामुमो ने 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जमशेदपुर में विरोध करने की भी बात कही़ सीएम श्री दास खरसावां के अर्जुना स्टेडियम में 23वीं सीनियर नेशनल आर्चरी प्रतियोगिता के उदघाटन समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे थे. मौके पर खरसावां विधायक दशरथ गागराई, चक्रधरपुर विधायक शशि भूषण समाड, मनोहरपुर विधायक जोबा मांझी भी मौजूद थे.

जारी रहेगा आंदोलन : झामुमो ने कहा कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा. अंतिम सेटलमेंट सर्वे के आधार पर स्थानीय नीति घोषित की जाये. उक्त बातें कोल्हान से झामुमो के विधायक चंपई सोरेन (सरायकेला), दशरथ गागराई (खरसावां), शशि भूषण सामड (चक्रधरपुर) व जोबा माझी (मनोहरपुर) ने शनिवार को प्रेस वार्ता में कही़ उन्होंने कहा कि इसके विरोध में पूरे राज्य में नुक्कड़ सभा की जायेगी. चंपई सोरेन ने कहा कि स्थानीय नीति आदिवासी व मूलवासियों की भावना के विपरीत है. इससे बाहरियों को फायदा होगा़

भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहे विपक्षी दल

रांची : भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम मित्तल ने कहा कि स्थानीयता को परिभाषित करने को लेकर मुख्यमंत्री रघुवर दास की प्रशंसा हो रही है. आम जनता में संतोष है. वहीं विपक्षी दल विरोध के बहाने भ्रम उत्पन्न करने का प्रयास कर रहे हैं.

श्री मित्तल ने कहा कि स्थानीयता को परिभाषित करने के साथ ही रघुवर सरकार ने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में क्षेत्रीय भाषा का एक विषय भी समाहित किया है. साथ ही जिला में ग्रेड तीन व चार की नौकरियों को 10 वर्षों के लिए स्थानीयों के लिए शत प्रतिशत आरक्षित कर दिया है. इससे आदिवासी-मूलवासी व स्थानीयों को ही जगह मिल पायेगी.

बरवाअड्डा़ स्थानीय नीति झारखंड के मूलवासियों के हित के खिलाफ है़ स्थानीय नीति का आधार 1932 का खतियान होना चाहिए़ अलग झारखंड के लिए आंदोलन किया, अब झारखंडियों की रक्षा के लिए झामुमो एक बार फिर आंदोलन करेगा़ ये बातें झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन ने शनिवार को बरवाअड्डा में पत्रकारों से कही.

श्री सोरेन ने कहा कि सरकार जल्द अपना फैसला वापस ले, नहीं तो झामुमो राज्य में आर्थिक नाकेबंदी करेगा. यहां का कोयला, लोहा बाहर जाने से पूर्ण रूप से रोक दिया जायेगा़ इस दौरान काेई घटना हुई, तो इसकी जिम्मेवारी राज्य सरकार की होगी़

शीघ्र लागू हो शराबबंदी : उन्होंने सरकार से राज्य में शराबबंदी यथाशीघ्र लगाने की मांग की. कहा कि शराब से कई घर-परिवार उजड़ गये है़ं महिलाएं अब शराबबंदी के खिलाफ आवाज उठाने लगी है़ समाज जागने लगा है़ यह अच्छा संदेश है. मौके पर जिप सदस्य दुर्योधन प्रसाद चौधरी, जिलाध्यक्ष रमेश टुडू, सचिव पवन महतो, सुधीर महतो आदि उपस्थित थ़े

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