बंगलादेश भेजा जा रहा एफसीआइ का अनाज

ख्ुलासा . राजमहल-बरहरवा होते हुए पश्चिम बंगाल है इन मािफयाओं का रूट बरहरबा : एफसीआइ का चावल को कालाबाजार में बेचने का मामला साहिबगंज में कोई नया नहीं है. इससे पहले भी बड़े मामले सामने आ चुके हैं. लेकिन इन चावलों को बंगलादेश भी भेजा जा रहा है इसका खुलासा पहली बार हुआ है. हालांकि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 22, 2016 5:56 AM

ख्ुलासा . राजमहल-बरहरवा होते हुए पश्चिम बंगाल है इन मािफयाओं का रूट

बरहरबा : एफसीआइ का चावल को कालाबाजार में बेचने का मामला साहिबगंज में कोई नया नहीं है. इससे पहले भी बड़े मामले सामने आ चुके हैं. लेकिन इन चावलों को बंगलादेश भी भेजा जा रहा है इसका खुलासा पहली बार हुआ है. हालांकि माफिया लंबे समय से दबे पांव खाकी व खादी की मिलिभगत यह गोरखधंधा चला रहे थे.
आज जब यह मामला सामने आया है तो सबके कान खड़े हो गये हैं. बड़ी सफाई से एफसीआइ का चावल बोरियों में भर कर उसे बंगलादेश भेजा जा रहा था. बताया जाता है कि चावल लदे एक ट्रक के सामने शीशे पर पुलिस लिखा हुआ था. जिसे देखकर ऐसा लग रहा था कि पुलिस विभाग का कोई सामान जा रहा है. लेकिन पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि एफसीआइ का चावल राजमहल-बरहरवा होते हुए पश्चिम बंगाल जा रहा है. पुलिस ने पश्चिम बंगाल के बॉर्डर पर दोनों ट्रकों को पकड़ा. प्रारंभिक छानबीन में पता चला है कि दोनों ट्रक में कालाबाजारी का चावल था.
ट्रक के शीशे पर मोटे अक्षरों में लिखा था पुलिस
कई लोगों की है संदिग्ध भूमिका
नियमानुसार साहेबगंज एफसीआइ गोदाम से जब चावल किसी प्रखंड को जाता है तो इसकी सूचना डिस्ट्रक्टि मैनेजर (गोदाम इंचार्ज) द्वारा डीएसओ व एसडीओ को दिया जाता है. लेकिन इसकी भी सूचना नहीं दी गयी. वहीं जिस ट्रांसपोर्टर द्वारा अनाज को प्रखंड में ले जाया जाता है उसका गाड़ी नंबर व रूट अंकित होता है.गाड़ी के सामने बोर्ड व सूचना भी लगाये जाने का प्रावधान है. लेकिन उक्त दोनों ट्रकों में न तो सूचना था और न ही बोर्ड. जो अपने आप में जांच का विषय है.पुलिस अगर गंभीरता से इस मामले की जांच करे तो कई लोगों के चेहरे सामने आ सकते हैं.
अचानक कहां से पहुंचा इतना ट्रक, पुलिस कर रही जांच
साहेबगंज एफसीआइ गोदाम से बरहरवा गोदाम को गुरुवार को 13 गाड़ी अनाज अचानक आ गया. जबकि प्रत्येक माह चार से पांच गाड़ी ही अनाज आता है. जितनी भी गाड़ी आयी है. उस गाड़ी में न तो बोर्ड है और न ही कोई सूचना. गोदाम इंचार्ज कहते हैं कि गाड़ी आने की सूचना उन्हें नहीं थी. माल इतना आ गया है कि गोदाम में रखने का जगह नहीं है. तो सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी मात्रा में अनाज का गाड़ी अचानक कैसे आ गया. जो अपने आप में एक सवाल है. पुलिस को इन विंदुओं पर भी गंभीरता से जांच करनी होगी.
पुलिस व प्रेस की गाड़ियां चलती है बेधड़क
बरहरवा व इसके आस-पास के क्षेत्रों में कुछ लोग अनाधिकृत रूप से अपने निजी वाहनों पर पुलिस व प्रेस लिखकर बेधड़क होकर चलते हैं. अगर परिवार में एक व्यक्ति पुलिस सेवा में है. तो गाड़ी पर पुलिस लिखवा कर उसका उपयोग सभी लोग करते हैं. जबकि नियमानुसार ऐसा नहीं करना है. वहीं हाल प्रेस का भी है. कुछ लोग अनाधिकृत रूप से प्रेस लिखवा कर दबंगई करते हैं. पुलिस को इन लोगों पर भी नकेल कसने की भी जरूरत है.

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