तालाब में बन रहा नया तालाब
अनियमितता . पतना में मनरेगा कार्यों में हो रही मिलीभगत से बिचौलिये मालामालसरकार व विभाग के लाख कोशिश के बाद भी मनरेगा योजना चयन में गड़बड़ी बरती जा रही है. बिचौलियों के हावी रहने के कारण पुराने योजना की ही स्वीकृति कर राशि निकासी का मामला सामने आ रहा है. पतना : प्रखंड क्षेत्र के […]
अनियमितता . पतना में मनरेगा कार्यों में हो रही मिलीभगत से बिचौलिये मालामालसरकार व विभाग के लाख कोशिश के बाद भी मनरेगा योजना चयन में गड़बड़ी बरती जा रही है. बिचौलियों के हावी रहने के कारण पुराने योजना की ही स्वीकृति कर राशि निकासी का मामला सामने आ रहा है.
पतना : प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों में मनरेगा कार्यों में आये दिन तरह-तरह की अनियमितता सामने आ रही है. विभाग के नियमानुसार योजना स्वीकृति के बाद सर्वप्रथम प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, कनीय अभियंता व रोजगार सेवक द्वारा योजना स्थल का भौतिक सत्यापन करना आवश्यक है. लेकिन नियमों की अनदेखी कर प्रखंड के पदाधिकारी बिचौलियों के कहने पर कार्य का एकरारनामा कर देते हैं.
दूसरी ओर 1.50 लाख रुपये से अधिक प्राक्कलित राशि की योजना में अंचल कार्यालय द्वारा भूमि का सत्यापन करने का नियम है. लेकिन प्रखंड में मनरेगा मार्गदर्शिका के सभी नियमों को ताक पर रख कर योजना का काम किया जा रहा है. जिसका सीधा फायदा बिचौलियों को मिलता है और वे आर्थिक फायदा के लिए पूर्व से बने योजना को ही नये योजना में शामिल कर मनरेगा राशि का दुरुपयोग करते है.
केस स्टडी 1 : पुराना सीढ़ी घाट दे रहा सबूत
प्रखंड क्षेत्र के शहरी पंचायत के गुम्मापहाड़ में पहाड़ के ऊपर सुकू मालतो की जमीन पर चार लाख 26 हजार 297 रुपये की लागत से तालाब का निर्माण किया जाना था. लेकिन आश्चर्य की बात है कि पदाधिकारी द्वारा पूर्व से बने तालाब पर ही तालाब निर्माण करने का आदेश दे दिया गया. ग्रामीणों ने बताया कि उक्त स्थान पर पूर्व से तालाब था. तालाब के एक किनारे में स्थित पुराना सीढ़ी घाट इस बात का सबूत है कि वहां पूर्व से तालाब था. जिले बिचौलियों द्वारा छिलकर नये पोखर का रूप दिया जा रहा है.
केस स्टडी 2 : योजना स्थल पर नहीं लगा है शिलापट
गुम्मापहाड़ में बंगरु पहाड़िया की जमीन में तालाब निर्माण का कार्य लगभग पूरा हो गया है. लेकिन अब तक योजना स्थन पर किसी भी प्रकार का शिलापट नहीं लगाया गया है. जबकि नियमानुसार कार्य के शुरुआत में ही योजना स्थल पर शिलापट लगाया जाना आवश्यक है. जिसमें योजना संख्या, योजना का नाम, प्राक्कलित राशि, मजदूरी, अभिकर्ता का नाम लिखा जाना आवश्यक है.