पूर्व में भी कई बार कब्र से गायब हो चुका है शव

बरहरवा : कब्र से शव गायब होने की यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी कई बार यहां कब्र से शव गायब होने की खबर मिली है. जनवरी 2015 में भी झिकटिया गांव के अनिल महतो, योगी टोला की मालती देवी के अलावा एक अन्य शव को कब्र से खोद कर गायब किया गया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 16, 2016 4:43 AM

बरहरवा : कब्र से शव गायब होने की यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी कई बार यहां कब्र से शव गायब होने की खबर मिली है. जनवरी 2015 में भी झिकटिया गांव के अनिल महतो, योगी टोला की मालती देवी के अलावा एक अन्य शव को कब्र से खोद कर गायब किया गया था. उसके बाद 30 नवंबर 2015 को राजेश रविदास का शव भी कब्र से गायब हो गया था.

इसके पूर्व भी 8-9 साल पूर्व भी उसी श्मशान घाट से झिकटिया गांव निवासी विद्यासागर महतो का भी शव कब्र से निकाल कर गायब कर दिया गया था. इसका सुराग आज तक पुलिस नहीं लगा पायी. लोगों का कहना है कि इसमें मानव तस्कर गिरोह का हाथ है. तस्कर शव से शरीर के महत्वपूर्ण अंग को निकाल कर ऊंचे दामों में बेच देते हैं.

रात के अंधेरे में अपराधी देते हैं घटना को अंजाम
पहाड़िया पोखर श्मशान घाट में पांच शव को कब्र से निकाल कर गायब कर दिया गया है. कुछ महीने पूर्व मेरी मालतो की मौत के बाद उसे दफनाया गया था. उनके कब्र पर कुदाल व सब्बल के स्पष्ट निशान दिखायी दे रहे हैं. भाजपा प्रखंड अध्यक्ष का कहना है कि शव गायब करने वाले अपराधी दिन का उजाला हो जाने के कारण उक्त कब्र को नहीं खोद सका है. आधा खुदाई कर छोड़ दिया गया.
रासायनिक खाद बनाने में उपयोग होता है हड्डी : चिकित्सक
बरहरवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कौशल कुमार सिंह के मुताबिक किसी भी मनुष्य के मृत्यु के बाद उसका कंकाल हड्डी कम से कम सात-आठ सालों तक सुरक्षित रहता है. मानव कंकाल में काफी मात्रा में कैल्सियम पाया जाता है. जिसका उपयोग रासायनिक खाद बनाने में किया जाता है. मेडिकल कॉलेजों में भी कंकाल के माध्यम से पढ़ाई करायी जाती है.
मामले की हो जांच : मुखिया
झिकटिया पंचायत के मुखिया बेनीफ्रेड किस्कू ने कहा कि ग्रामीणों द्वारा सूचना मिली कि श्मशान घाट से पांच शव गायब हैं. जिसके बाद श्मशान घाट में जाकर छानबीन किया और पुलिस को सूचना दी. इससे पूर्व कई बार श्मशान घाट से शव गायब हैं. यह काम मानव तस्करों का हो सकता है. पुलिस इसकी गंभीरता से जांच करे. हर बार मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है.

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