लटका रहता है ताला, यात्री परेशान
उदासीनता . लाखों की लागत से बने शौचालय का उपयोग नहीं गंगा को स्वच्छ व निर्मल बनाने के लिए विधायक निधि से फेरी घाट पर बना शौचालय बनने के बाद से ही बंद है. मजबूरन यात्री खुले में शौच करते हैं. ऐसे में योजना की उपयोगिता पर सवाल उठ रहे हैं. राजमहल : केंद्र व […]
उदासीनता . लाखों की लागत से बने शौचालय का उपयोग नहीं
गंगा को स्वच्छ व निर्मल बनाने के लिए विधायक निधि से फेरी घाट पर बना शौचालय बनने के बाद से ही बंद है. मजबूरन यात्री खुले में शौच करते हैं. ऐसे में योजना की उपयोगिता पर सवाल उठ रहे हैं.
राजमहल : केंद्र व राज्य सरकार खुले में शौच मुक्त करने व गंगा तट को स्वच्छ बनाने के लिए लाखों रुपये खर्च कर शौचालय का निर्माण करवा रही है. पर इसका लाभ लोगों मिल नहीं रहा है. शहर के फेरीघाट पर नौ माह पूर्व विधायक निधि से लगभग दो लाख की लागत से यात्रियों की सुविधा हेतु शौचालय निर्माण कराया था.
बनने के बाद से ही शौचालय में ताला लटका हुआ है. विधायक अनंत कुमार ओझा ने 16 अगस्त 2015 को शौचालय निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था. शौचालय का उपयोग नहीं होने के कारण पुरुष व महिला यात्रियाें को गंगा तट पर खुले में ही शौच करना पड़ता है. फेरीघाट से प्रतिदिन हजारों यात्री यात्रा करते है और गंगा किनारे खुले में शौच करते हैं.
नौ माह से बंद है फेरीघाट स्थित बना शौचालय
शौचालय बंद रहने पर महिला यात्रियों को झेलनी पड़ती अधिक परेशानी
बेबी बेबा ने कहा कि फेरी घाट पर शौचालय रहने के बावजूद उपयोग नहीं हो रहा है. महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
अजय हलदार ने कहा कि यात्री सुविधा के लिए बने शौचालय प्रशासनिक उदासीनता के कारण अनुपयोगी है. यात्रियों को काफी परेशानी होती है.
दीपु राय ने कहा कि सरकार द्वारा खुले में शौच नहीं करने को लेकर लाखों रुपये खर्च कर रही है. पर उदासीनता का खामियाजा लोग भुगत रहे हैं.
राजू सिंह ने कहा कि फेरीघाट में यात्रियों के लिए बना शौचालय बंद रहने के कारण यात्रियों को मजबूरन गंगा तट पर खुले में शौच करना पड़ता है.
जल्द चालू खोला जायेगा शौचालय : विधायक
विधायक अनंत कुमार ओझा ने कहा कि फेरीघाट पर बने शौचालय का अगर उपयोग नहीं हो रहा है, तो संबंधित जानकारी लेकर जल्द ही यात्रियों के उपयोग के लिए चालू कराया जायेगा.
क्या कहते हैं घाट मुंशी
फेरीघाट के मुंशी मुनेश्वर साव ने कहा कि शौचालय से संबंधित जानकारी उन्हें नहीं है. शौचालय की चाबी भी घाट प्रबंधन को नहीं मिली है.
02 लाख की लागत से गंगा घाट को स्वच्छ बनाने के लिए फेरी घाट पर बना था शौचालय