बेंगलुरू-गुवाहाटी ट्रेन में नशाखुरानी
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पहले जेब कतरा फिर चलती ट्रेन से फेंका
बेंगलुरू-गुवाहाटी ट्रेन में नशाखुरानी जेब से मजदूरी के 10 हजार रुपये निकाल लिया, फिर ट्रेन से फेंका स्टेशन मास्टर ने सदर अस्पताल में कराया भरती, हालत में सुधार पाकुड़ : जाको राखे साईंया- मार सके न कोय’ यह कहावत असम के तेजपुर गांव निवासी नर बहादुर पर सटीक बैठता है. वाकया हावड़ा डिवीजन के पाकुड़-नगरनबी […]
जेब से मजदूरी के 10 हजार रुपये निकाल लिया, फिर ट्रेन से फेंका
स्टेशन मास्टर ने सदर अस्पताल में कराया भरती, हालत में सुधार
पाकुड़ : जाको राखे साईंया- मार सके न कोय’ यह कहावत असम के तेजपुर गांव निवासी नर बहादुर पर सटीक बैठता है. वाकया हावड़ा डिवीजन के पाकुड़-नगरनबी स्टेशन का है. नर बहादुर बेंगलुरू-गुवाहाटी ट्रेन से घर जा रहे थे. इसी दौरान ट्रेन में नशाखुरानी का शिकार हो गये. किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसे चाय पिलायी. चाय पीने के बाद ही वह बेहोश हो गया. इसी क्रम में पॉकेट काट कर उन्हें चलती ट्रेन से नगरनबी स्टेशन के समीप फेंक दिया.
कराहने व चीखने की आवाज सुनकर स्टेशन मास्टर ने इसकी सूचना पाकुड़ जीआरपी को दी. जीआरपी पाकुड़ के सहायक पुलिस निरीक्षक सुनील बागवारी ने आनन-फानन में सदर अस्पताल में भरती कराया. जहां चिकित्सकों ने इलाज किया. जीआरपी ने नरबहादुर के परिजनों को इसकी सूचना दे दी है.
पहले जेब कतरा…
इधर, नर बहादुर ने बताया कि वह बेंगलुरू के एक होटल में काम करता है. काफी दिनों से वह घर नहीं गया था, इसलिए बेंगलुरू से ही जनरल टिकट कटाकर ट्रेन में सवार हो गये. सीट नहीं मिलने के कारण दरवाजे के पास ही बैठ गये. वहीं एक चाय बेचने वाले मुझे चाय दी. चाय पीने के बाद ही बेहोश हो गया. पॉकेट में मजदूरी के 10 हजार रुपये रखे थे, जो गायब है.
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