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दो चापानल से बुझ रही हजारों की प्यास

पेयजल संकट. बरहरवा बाजार के पूर्वी व पश्चिमी पंचायत में खराब है कई चापानल बरहरवा बाजार में दर्जनों चापाकल खराब हैं. एक या दो चापाकल के सहारे दो पंचायत के लोग प्यास बुझाते हैं. आलम यह है कि सुबह तीन बजे से ही चापाकल पर लाइन शुरू हो जाती है. पीने के पानी के लिए […]

पेयजल संकट. बरहरवा बाजार के पूर्वी व पश्चिमी पंचायत में खराब है कई चापानल

बरहरवा बाजार में दर्जनों चापाकल खराब हैं. एक या दो चापाकल के सहारे दो पंचायत के लोग प्यास बुझाते हैं. आलम यह है कि सुबह तीन बजे से ही चापाकल पर लाइन शुरू हो जाती है. पीने के पानी के लिए दिन भर लोग मशक्कत करते हैं.
बरहरवा : अप्रैल में गरमी का कहर शुरू हो गया है. बरहरवा बाजार के आसपास के क्षेत्रों में पेयजल की संकट गहराने लगा है. लोगों को पेयजल के लिये घंटों चापाकल व कुआं में लाइन लगानी पड़ती है. बरहरवा पश्चिमी व पूर्वी पंचायत क्षेत्रों में तो सबसे बुरा हाल है. इन पंचायतों के कई चापाकल खराब पड़े हैं. दो चापाकल के सहारे 12 हजार की आबादी प्यास बुझाने पर मजबूर है. पानी लेने के लिए अहले सुबह तीन बजे से ही चापाकल के पास बरतनों की लाइन लगानी पड़ती है. स्थिति यह है कि घंटों चापाकल चलाने पर एक बाल्टी पानी निकला पाता है. पूर्वी पंचायत व पश्चिमी पंचायत मिलाकर करीब 11,599 की आबादी है.
इसमें हाटपाड़ा में मात्र एक चापाकल काम कर रहा है. पांच चापाकल खराब है. बंगालपाड़ा में भी एक चापाकल ठीक है बाकि सब खराब है. कालीतल्ला में भी एक चापाकल पानी निकल रहा है. जिसका जलस्तर भी काफी नीचे चला गया है. जिस कारण कभी-कभी इससे कम पानी निकलने लगता है. यहां भी कई चापाकल खराब पड़े हुए हैं. इसके अलावे घोराईपोखर, सीमलतल्ला, पद्दोपोखर, विवेकानंद पथ इन मुहल्लों में भी पेयजल की भारी किल्लत है. सिर्फ दो चापाकल के सहारे ही लोग आश्रित है. पेयजल के लिये हाहाकार मचा हुआ है. स्थानीय जनप्रतिनिधि इस ओर कोई पहल नहीं कर रहे हैं.
पेयजल के लिये ग्रामीणों को घंटों चापाकल व कुआं में लगानी पड़ती है लाइन
पंचायत में पेयजल की भारी किल्लत है. विभाग को कई बार शिकायत की गयी है. बावजूद कोई पहल नहीं की गयी है.
मुन्ना साव, वार्ड सदस्य
पानी लेने के लिये चापाकल पर कई घंटों इंतजार करना पड़ता है. तब जाकर दो-चार जार पानी मिल पाता है.
पलियार बीवी
मुहल्ला का सब चापाकल खराब हो गया है. एक चापाकल ठीक है जिससे भी कम पानी निकलता है.
सोना बेवा
पानी लेने के लिये कई बार चापाकल पर तो मारपीट हो जाता है. एक चापाकल के भरोसे पूरा मुहल्ला आश्रित है.
नसीरूद्दीन अंसारी
क्या कहते हैं पदाधिकारी
पीएचइडी के सहायक अभियंता देवानंद ने कहा कि जहां-जहां चापाकल खराब पड़ा है. उसे जल्द ठीक कराया जायेगा. पेयजल की किल्लत को दूर किया जायेगा.

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