खुले आसमान तले जिंदगी काट रहे अग्नि पीड़ित

त्रासदी. राख के ढेर में पीड़ित परिवार ढूंढ रहे सामान साहिबगंज के सदर प्रखंड के लालबथानी तीनघरिया टोला व मंसूर टोला में शुक्रवार को आग ने 125 परिवाराें को बेघर कर दिया है. पीड़ित खुले आसमान के तले जिंदगी गुजार रहे हैं. साहिबगंज : शनिवार को पीड़ित भीषण गरमी के बीच कई पीड़ित प्लास्टिंग व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 30, 2017 5:22 AM

त्रासदी. राख के ढेर में पीड़ित परिवार ढूंढ रहे सामान

साहिबगंज के सदर प्रखंड के लालबथानी तीनघरिया टोला व मंसूर टोला में शुक्रवार को आग ने 125 परिवाराें को बेघर कर दिया है. पीड़ित खुले आसमान के तले जिंदगी गुजार रहे हैं.
साहिबगंज : शनिवार को पीड़ित भीषण गरमी के बीच कई पीड़ित प्लास्टिंग व पेड़ों की छांव में बैठ कर राहत की आस लगाये बैठे थे. पीड़ित जलाउद्दीन ने बताया कि हमलोग पूरे परिवार के साथ रात भर खुले आसमान तले रात काट रहे हैं. घर में बरतन, अनाज, कपड़ा आदि जल कर राख हो गया है. भोजन पर भी लाले पड़ गये हैं.
कई परिवार सुबह से ही राख में बचे सामानों की तलाश कर रहे थे. इधर सुबह डीसी शैलेश चौरसिया ने मिल कर पीड़ितों का हाल जाना. सीओ रामनरेश सोनी व बीडीओ अंगारनाथ स्वर्णकार ने बताया कि पीड़ितों को आवश्यक राहत सामग्री दी गयी है. जिला प्रशासन के द्वारा हर संभव सहायता करेगा. मौके पर एसी अनमोल सिंह, डीपीआरओ प्रभात शंकर सहित कई पदाधिकारी व आम जन उपस्थित थे.
क्या कहते हैं ग्रामीण
आग में सब कुछ बरबाद हो गया है. वर्षों की कमाई एक झटके में ही बरबाद हो गयी है. खुले आसमान तले जिंदगी काट रहे हैं.
अनस
पलक झपकते ही सब कुछ खत्म हो गया. कोई सामान नहीं बचा पाया है. पीड़ित दाने-दाने को मोहताज हो गये हैं.
शमशेर
बेटी की निकाह के लिए वर्षों से रुपये इकट्ठा कर सामान खरीद कर रखे थे. एक झटके में ही सबकुछ राख हो गया है.
जैकुन बीबी
हमलोग गरीब आदमी है. रोज कमाने खाने वाले हैं. आग ने लपटों में सब कुछ जल कर राख हो गया है. खुले आसमान तले जिंदगी गुजार रहे हैं. खाने-पीने का सारा समान भी जल कर राख हो गया.
रामविलास ठाकुर
हर हाल में गरीबों को ही हर वर्ष पीड़ा झेलनी पड़ती है. इस बार भी घर जल कर बरबाद हो गया है. प्रशासन को इस पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है.
मंसूर
कुछ भी नहीं बचा समान निकालने का प्रयास किये. लेकिन सब कुछ अगलगी में खत्म हो गया. भोजन पर भी आफत आ गया है. प्रशासन से मदद की गुहार लगाते हैं.
ताहिरा खातून
आग ने ग्रामीणों को बेघर कर दिया है. घर के अलावा अनाज, बरतन आदि भी जल गये है. पीड़ित खून के आंसू रो रहे हैं.
मुर्तुजा

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