तालझारी में मुख्य सड़क से सटे हैं दो विद्यालय, बच्चे असुरक्षित
बांस के टाट से बनाया गया है सुरक्षा घेरा, चहारदीवारी बनाने को प्रशासन तत्पर नहीं
तालझारी. प्रखंड में दो ऐसे विद्यालय हैं जो महाराजपुर तालझारी मुख्य सड़क किनारे सटे हैं. इसमें विद्यालय प्राथमिक विद्यालय खैरबन्नी व उत्क्रमित मध्य विद्यालय झिकरा हरिणकोल है, जहां के बच्चे असुरक्षित हैं. फिलहाल बच्चों की सुरक्षा को लेकर विद्यालय के सामने बांस के टाट से सुरक्षा घेरा दिया गया है. मगर बांस का टटिया ऐसे मामलों में कितना सुरक्षित हो सकता है ये सोचने का विषय है. अबतक किसी भी पदाधिकारी ने इसकी खोज खबर नहीं ली है. विभागीय पदाधिकारी की बात की जाय तो उनके लिए शायद यह खास माइने की बात नहीं है. वरना इसके लिए तत्परता जरूर दिखाती. बीडीओ पवन कुमार ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा जरूरी है. इस संबंध पर वरीय पदाधिकारी से बात की जायेगी, ताकि वित्तीय वर्ष 2025-26 में मनरेगा, 15वें वित्त या डीएफटी फंड से ऐसे विद्यालयों में चहारदीवारी देकर घेराबंदी हो सके. केस स्टडी- 1. तालझारी प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय जो महाराजपुर तालझारी के खैरबन्नी गांव के समीप मुख्य सड़क के किनारे है. विद्यालय में चहारदीवारी नहीं है. विद्यालय में पढ़ने वाले छोटे छोटे बच्चों के बीच दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. मुख्य सड़क से सटे विद्यालय में टिफिन के बाद परिसर में बच्चे खेलते हैं कई बार चहारदीवारी नहीं होने के कारण खेलने के क्रम में बच्चों को निगरानी रखनी पड़ती है, ताकि बच्चे सड़क की ओर नहीं चल जाय. अध्यापिका इंदू कुमारी ने बताया कि तत्काल विद्यालय के चारों ओर बांस के टाट से घेराबंदी करायी गयी है. विद्यालय में एक मात्र अध्यापिका के भरोसे एक से पांच तक की कक्षा संचालित है. बताया कि विद्यालय में चहारदीवारी कराने को लेकर पूर्व में बीडीओ को आवेदन दिया गया है. विद्यालय में 32 बच्चे नामांकित हैं. केस स्टडी -2 उत्क्रमित मध्य विद्यालय झिकरा हरिणकोल जो मुख्य सड़क के किनारे है, चहारदीवारी नहीं रहने से बच्चों में दुर्घटना होने की संभावना रहती है. विद्यालय के सहायक अध्यापक प्रदीप कुमार साह ने बताया कि सड़क किनारे विद्यालय रहने के कारण विद्यालय अविधि तक बच्चों पर निगरानी रखनी पड़ती है. विद्यालय में चहारदीवारी होना बहुत जरूरी है. चहारदीवारी नहीं रहने के कारण बीते वर्ष विद्यालय परिसर से मोटर व सोलर की चोरी हो गयी थी. उन्होंने बताया कि विद्यालय कक्षा एक से आठ तक संचालित है, जिसमें 73 बच्चे नामांकित हैं.
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