पुलिस ने 20 घंटे में चोरी गयी बेशकीमती अष्टधातु की मूर्ति बरामद, पांच युवा गिरफ्तार
एसडीपीओ किशोर तिर्की ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले का किया खुलासा
साहिबगंज. जिरवाबाड़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत सोती चौकी खुटहरी में हुई मूर्ति चोरी मामले में पुलिस को 20 घंटों के भीतर बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने मूर्ति चोरी करवाने वाले मास्टर माइंड सहित सभी चोर को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही उनलोगों के निशान से ही पर कीमती अष्टधातु की मूर्ति भी बरामद कर लिया है. मामले की जानकारी देते हुए सदर एसडीपीओ किशोर तिर्की ने जिरवाबाड़ी थाना प्रभारी के कार्यालय कक्ष में प्रवेश वार्ता की गयी. एसडीपीओ ने बताया कि चोरी की घटना के बाद ग्रामीणों के सूचना पर बाइक से फरार हो रहे चोर का पीछा किया गया. तीनपहाड़ व राधा नगर थाना की मदद से दो युवक एक बाइक के साथ पकड़ लिया गया. पकड़े गये युवक का नाम समर अली पिता स्वर्गीय अख्तर अली सकिन एलसी रोड दुसाध पाड़ा, साहिबगंज एवं दूसरा युवक सौरभ कुमार पिता सोनू मंडल सकिन पठानपुरा काली स्थान, थाना कहलगांव जिला भागलपुर बताया गया. वहीं, पूछताछ के क्रम में तीसरा युवक जिसका नाम बल्ली कुमार मंडल उर्फ बल्ली पिता सत्यनारायण मंडल सकिन काली स्थान पठानपूरा, कहलगांव जिला भागलपुर बिहार को गिरफ्तार किया गया. वहीं, घटना के मास्टरमाइंट को भूपेंद्र ठाकुर उर्फ भूप नारायण ठाकुर व राजबीर ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया.उनकी निशानदेही पर सोती चौकी श्री राम मंदिर से चोरी गयी अष्टधातु के बजरंगबली की मूर्ति को भी बरामद करने में पुलिस से सफलता हासिल की है. मौके पर नगर प्रभाग पुलिस निरीक्षक राजीव रंजन, नगर थाना प्रभारी अमित कुमार गुप्ता जिरवाबाड़ी थाना प्रभारी अनिश पांडे, एसआइ बंटी यादव, एसआइ दीपक किरयास्न, एएसआइ सरफुद्दीन खान आदि छापामारी दल में शामिल रहे. घटना का मास्टरमाइंड निकला भूपेंद्र ठाकुर बजरंगबली की मूर्ति चोरी का भूपेंद्र ठाकुर ने षड्यंत्र रचा. इसके लिए समर अली को अपने साथ शामिल किया. बताया कि मूर्ति बेहद कीमती है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारी कीमत है. इस लालच में जब समर अली तैयार हो गया. बताया गया कि सौरभ और बाली की पहले से समर के पहचान थी. समर दोनों को कहलगांव से चोरी के लिए बुलाया. इधर, भूपेंद्र के साथ राजवीर ठाकुर हर कदम पर साथ चल रहा था. जब पांचों चोरी के लिए तैयार हो गये तो फिर दिन तय की गयी. भूपेंद्र ने सभी युवक को मूर्ति की कीमत एक करोड़ बतायी थी, जिससे बाकी के लोगों में लालच जग गया. एक दिन पहले आया कहलगांव से दो युवक साहिबगंज. षड्यंत्र पूरी तरह तय होने के बाद शुक्रवार को वर्धमान लोकल ट्रेन से सौरभ व बल्ली कहलगांव से साहिबगंज पहुंचे. दोनों को समर अली ने अपने साथ लिया और सबसे पहले ग्रीन होटल में खाना खिलाया. इसके बाद दोनों को गेहुंआ रंग का कपड़ा दिलाया. शुक्रवार शाम तीनों मिलकर भूपेंद्र ठाकुर के पास पहुंचे, जहां पर बाकी प्लान की तैयारी की गयी. वहीं, मंदिर से मूर्ति चुराने के बाद जैसे ही वे लोग पांच किलोमीटर आगे बढ़े तो जंगल में भूपेंद्र ठाकुर व राजवीर ठाकुर दोनों अपने तीनों साथी का इंतजार कर रहे थे. यह लोग पहुंचकर मूर्ति का बैग उनदोनों को पकड़ा और फिर सीधे वहां से फरार हो गये. अंतरराष्ट्रीय बाजार में मूर्ति की कीमत अधिक साहिबगंज. बजरंगबली की चोरी गयी मूर्ति तकरीबन 20 किलो वजन की थी. जो अष्टधातु से निर्माण किया गया था मूर्ति चुकी बेहद पुरानी है. मंदिर के पुजारी भारत लाल मंडल के अनुसार यह मंदिर तकरीबन ढाई सौ वर्ष पुराना है. सन 1984 से उस मूर्ति को उसी मंदिर में स्थापित देख रहे हैं. पुजारी का मानना है कि उनके पुरखे व पूर्वजों ने भी इस मूर्ति को इस मंदिर में रखा देखा है. तब से उसकी पूजा-अर्चना होती आ रही है. अष्टधातु की पुरानी मूर्ति होने के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में मूर्ति का मूल्य का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. जानकारों का मानना है की मूर्ति की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक करोड़ की हो सकती है.
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