अंगिका भाषा की संवैधानिक मान्यता की मांग को लेकर धरना
समाहरणालय के पास जुटे मेंबर, कहा :- करीब पांच करोड़ लोगों की भाषा है उपेक्षित
साहिबगंज. अंगिका समाज के सदस्यों ने अंगिका भाषा की संवैधानिक मान्यता की मांग को लेकर गुरुवार को समाहरणालय के पास सचिव बास्कीनाथ यादव के नेतृत्व में धरना दिया. इसके बाद शिष्टमंडल डीसी को ज्ञापन सौंपा. जिक्र है कि अंगिका एक जीवंत भाषा है. जिसे आज करीब पांच करोड़ लोग बोलते हैं. इसमें सभी गुण समाहित है. इसका अपना शब्दकोश साहित्य उच्चारण रीति. संज्ञा, सर्वनाम, क्रियापद व विशेषण है. संवैधानिक मान्यता न होने कारण आज करोड़ों लोगों को भाषायी अवदमन का शिकार होकर सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, प्रशासनिक व राजनीतिक शोषण से ग्रसित होना पड़ता है. धरना के माध्यम से जनआंदोलन की शुरुआत किया जा रहा है. जब तक संवैधानिक मान्यता नहीं मिल जाती, तब तक अंगिका भाषी जन-जागरण अभियान चलायेंगे. मौके पर आनंद कुमार, रितेश कुमार, शुभश्री देव, बेबी देवी, गौतम कुमार पासवान, तापस कुमार देव, भोलानाथ, मंत्रेश मधु, आशीष कुमार, रिंकू देवी, कृष्णा कल्याणी, भुवनेश्वर प्रसाद मंडल आदि मौजूद थे.
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