बीएसएफ की वर्दी में कर रहे थे पशु तस्करी, तीन गिरफ्तार, हथियार बरामद
बीएसएफ की वर्दी में कर रहे थे पशु तस्करी, तीन गिरफ्तार, हथियार बरामद
प्रतिनिधि, फरक्का
भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ की 88वीं बटालियन, बीओपी पन्नापुर के जवानों ने एक बड़ी पशु तस्करी को नाकाम कर दिया. जवानों ने सीमा पार करने की फिराक में लगे तीन पशु तस्करों को धर दबोचा, जो बीएसएफ की वर्दी पहनकर सुरक्षा बलों को चकमा देने की कोशिश कर रहे थे. इन तस्करों के पास से दो तलवारें, एक चाकू और एक नकली प्लास्टिक गन बरामद की गयी. यह उनके इरादों की गंभीरता को दर्शाता है. गुप्त सूचना के आधार पर बीएसएफ ने पहले से ही बनपहार गांव के पास जाल बिछा रखा था. मंगलवार की देर रात करीब 11:30 बजे जब संदिग्ध गतिविधियां देखी गयीं, तो जवानों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पूरे इलाके को घेर लिया. खुद को फंसता देख तस्करों ने भागने की कोशिश की, लेकिन सतर्क जवानों ने तेजी से उनका पीछा कर तीनों को पकड़ लिया. खास बात यह रही कि ये तस्कर बीएसएफ की वर्दी में थे, जिससे उनके इरादों की गंभीरता और उनके गिरोह के संगठित नेटवर्क का संकेत मिलता है. गिरफ्तार तस्करों की पहचान पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के रहने वाले व्यक्तियों के रूप में हुई है, जिनके पास से दो छोटे भैंसे भी बरामद किये गये. बरामद पशुओं को नियमानुसार ध्यान फाउंडेशन को सौंप दिया जाएगा, जबकि तीनों तस्करों को आगे की जांच और कानूनी प्रक्रिया के लिए मालदा जिले के हबीबपुर पुलिस थाने को सौंप दिया गया है.क्या कहते हैं कमांडेंट
बीएसएफ हर परिस्थिति में चौकस रहता है और जवानों की सतर्कता के कारण यह बड़ी साजिश समय रहते विफल कर दी गयी. उन्होंने यह भी कहा कि बीएसएफ का मुख्य उद्देश्य सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ अवैध गतिविधियों पर पूर्ण रूप से रोक लगाना है.– नरेश कुमार, कमांडेंट, 88वीं बटालियन
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