साहिबगंज. आर्द्रभूमि की महत्ता बनाये रखने को लेकर जागरूकता फैलाया गया. जलीय जीवों के भोजन आश्रय और सुरक्षा की दृष्टिकोण से और हमारे जीवन यापन के लिए भी आर्द्रभूमि है. विश्व आर्द्रभूमि दिवस के अवसर पर रविवार को पुरानी साहिबगंज के सकरोगढ स्थित तालाब किनारे फलदार पौधे लगाये गये. आर्द्रभूमि की महत्ता के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से किया गया. इस क्रम में छात्र-छात्राओं द्वारा जनसाधारण को जागरूक करते हुए आर्द्रभूमि को संरक्षित करने के संबंध में नारे लगाये गये. डॉ रणजीत कुमार सिंह, अशोक कुमार चौधरी, कौशल किशोर ओझा, विमल कुमार ओझा, रवि कुमार तांती, अतुल कुमार दुबे, आदित्य कुमार ठाकुर, पवन कुमार सम्मिलित हुए. कार्यक्रम में डॉ रणजीत कुमार सिंह ने बताया कि हम सभी को मिलकर प्राकृतिक जल स्रोतों को बचाने की दिशा में कार्य करना चाहिए. अगर हम सभी अपने-अपने स्तर से प्रयास करें एवं प्राकृतिक जल स्रोतों में प्लास्टिक एवं अन्य कूड़ा कचरा ना फैलायें. वनस्पति विज्ञान के डॉ अक्षय कुमार वर्मा ने कहा कि आर्द्रभूमि दिवस मनाने का उद्देश्य यह है कि जलीय जंतु जैसे मछली पंछियों में हंस बतख, किंगफिशर एवं अन्य जलीय सरीसृप को सुरक्षा एवं भोजन मिलता रहे. इसके अलावा, बीवर, ऊदबिलाव और यहां तक कि बाघ जैसे स्तनधारी भोजन और आश्रय के लिए दलदली भूमि पर निर्भर करते हैं. कार्यक्रम के दौरान उपरोक्त के अलावे जिला गंगा समिति के सदस्य डॉ रंजीत सिंह, अशोक कुमार चौधरी एवं अन्य उपस्थित थे.
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