Barhait Vidhan Sabha: 4 दशक से बरहेट में झामुमो अजेय, हेमंत सोरेन हैं विधायक

Barhait Vidhan Sabha बरहेट विधानसभा सीट को जेएमएम का गढ़ माना जाता है. आदिवासी बहुल क्षेत्र होने के कारण इस सीट पर आज तक बीजेपी नहीं जीत सकी है. माना जाता है कि यहां की जनता चेहरा नहीं चुनाव चिन्ह देखकर वोट देती है.

By Mithilesh Jha | September 18, 2024 3:23 PM

Barhait Vidhan Sabha|Jharkhand Assembly Election|झारखंड के संताल परगना का बरहेट विधानसभा सीट पर पिछले 4 दशक में शिबू सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को कोई पराजित नहीं कर पाया. इस वक्त राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बरहेट विधानसभा सीट से ही विधायक हैं. वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में लगातार दो बार उन्होंने इस सीट पर जीत दर्ज की.

Barhait vidhan sabha: 4 दशक से बरहेट में झामुमो अजेय, हेमंत सोरेन हैं विधायक 7

साहिबगंज जिले में है बरहेट विधानसभा

बरहेट (एसटी) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र झारखंड राज्य के 81 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में एक है. यह अनुसूचित जनजाति यानी ST के लिए आरक्षित विधानसभा सीट है. यह साहिबगंज जिले में है. बरहेट विधानसभा सीट पर अनुसूचित जनजाति यानी SC के मतदाताओं की संख्या 8,324 (लगभग 4.26 प्रतिशत) है.

Read Also: झामुमो का अभेद्य किला है बरहेट, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैं यहां से विधायक

बरहेट में लोग प्रत्याशी को नहीं, तीर-धनुष को देते हैं वोट

इस विधानसभा सीट पर प्रत्याशी को देखकर नहीं, बल्कि चुनाव चिह्न तीर-धनुष पर जनता वोट देती है. आदिवासियों के परंपरागत हथियार तीर-धनुष को यहां के लोग देवता के रूप में पूजते हैं. यही वजह है कि वर्ष 1990 से लगातार वर्ष 2019 तक इस सीट पर जेएमएम का कब्जा रहा. यहां तक कि पूर्व विधायक हेमलाल मुर्मू ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट पर चुनाव लड़ा, तो उन्हें यहां पराजय का मुंह देखना पड़ा.

Barhait vidhan sabha: 4 दशक से बरहेट में झामुमो अजेय, हेमंत सोरेन हैं विधायक 8

आदिवासी समाज तीर-धनुष को देते हैं भगवान का दर्जा

तीर-धनुष झारखंड मुक्ति मोर्चा का चुनाव चिह्न है. भगवान बिरसा मुंडा के इस अस्त्र को आदिवासी समाज में भगवान का दर्जा प्राप्त है. झारखंड की बरहेट विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) या किसी दूसरी पार्टी के लिए हमेशा से चुनौती भरी रही है. आज तक बीजेपी इस सीट पर कभी जीत दर्ज नहीं कर पाई. यहां के आदिवासी कहते हैं कि तीर-धनुष हमारा देवता है, हम इससे गद्दारी नहीं कर सकते.

हेमंत सोरेन ने बरहेट विधानसभा सीट से जीता चुनाव. झारखंड के मुख्यमंत्री बने.

2019 में बरहेट से जीते हेमंत सोरेन, साइमन मालटो को हराया

वर्ष 2019 में बरहेट विधानसभा सीट पर झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने 73725 (53.49 प्रतिशत) वोट प्राप्त कर जीत हासिल की. भाजपा से साइमन मालटो को 47985 (34.82 प्रतिशत) वोट मिले. इस चुनावी वर्ष में कुल मतदाताओं की संख्या 195453 थी. इसमें से 137822 यानी 70.51 फीसदी ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.

Read Also: लिट्टीपाड़ा में 44 साल से अपराजेय झामुमो, शुद्ध पेयजल को आज भी तरस रहे लोग

2014 में हेमंत सोरेन ने बीजेपी के हेमलाल मुर्मू को हराया

बरहेट विधानसभा सीट पर वर्ष 2014 के चुनाव में कुल मतदाताओं की जनसंख्या 185700 थी. इसमें से 135382 (72.90 फीसदी) लोगों ने चुनाव के महापर्व में भाग लिया यानी वोटिंग की. दोबारा इस सीट से चुनाव लड़ रहे झामुमो के उम्मीदवार हेमंत सोरेन ने 62515 (46.18 प्रतिशत) वोट प्राप्त हुए. वह विजयी घोषित किये गये. बीजेपी के प्रत्याशी हेमलाल मुर्मू को 38428 (28.38 प्रतिशत) वोट मिले. झामुमो छोड़कर भाजपा में आने वाले हेमलाल दूसरे नंबर पर रहे.

हेमलाल मुर्मू ने निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले विजय हांसदा को किया था पराजित.

2009 में झामुमो के हेमलाल मुर्मू ने विजय हांसदा को हराया

वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में झामुमो ने हेमलाल मुर्मू को मैदान में उतारा था. विजय हंसदा निर्दलीय चुनाव लड़ रह् थे. हेमलाल मुर्मू ने 40621 (40.04 प्रतिशत) वोट हासिल कर जीत दर्ज की. विजय हंसदा को 20303 (20.01 प्रतिशत) वोट मिले. इस वर्ष कुल मतदाताओं की संख्या 167515 थी. इसमें से 101448 यानी 60.56 फीसदी वोटर्स ने मतदान किया था.

2005 में झामुमो के टिकट पर जीते थॉमस सोरेन

बरहेट विधानसभा सीट पर वर्ष 2005 के चुनाव में झामुमो ने थॉमस सोरेन को अपना उम्मीदवार बनाया था. उनके खिलाफ भाजपा के सिमोन मालटो चुनाव लड़ रहे थे. थॉमस सोरेन 42332 वोट पाकर विजेता बने. भाजपा प्रत्याशी सिमोन मालटो को 28593 वोट मिले. इस वर्ष इस सीट पर कुल 92190 लोगों ने मतदान किया.

Read Also: झामुमो का अभेद्य किला है बरहेट, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैं यहां से विधायक

बरहेट से अब तक कौन-कौन बने विधायक, पूरी लिस्ट यहां देखें

चुनाव का वर्षविधायक का नामपार्टी
1957बाबूलाल टुडूझारखंड पार्टी
1962बाबूलाल टुडूझारखंड पार्टी
1967मसीह सोरेननिर्दलीय
1972मसीह सोरेननिर्दलीय
1977परमेश्वर हेंब्रमजनता पार्टी
1980थॉमस हांसदाकांग्रेस
1985थॉमस हांसदाकांग्रेस
1990हेमलाल मुर्मूझामुमो
1995हेमलाल मुर्मूझामुमो
2000हेमलाल मुर्मूझामुमो
2005थॉमस सोरेनझामुमो
2009हेमलाल मुर्मूझामुमो
2014हेमंत सोरेनझामुमो
2019हेमंत सोरेनझामुमो

झारखंड विधानसभा की आरक्षित सीटें

झारखंड विधासनभा की ये सीटें आरक्षित हैं. बोरियो (एसटी), बरहेट (एसटी), लिट्टीपाड़ा (एसटी), महेशपुर (एसटी), शिकारीपाड़ा (एसटी), दुमका (एसटी), जामा (एसटी), देवघर (एससी), घाटशिला (एसटी), पोटका (एसटी), जुगसलाई (एससी), सरायकेला (एसटी), खरसावां (एसटी), चाईबासा (एसटी), मझगांव (एसटी), जगन्नाथपुर (एसटी), मनोहरपुर (एसटी), चक्रधरपुर (एसटी), सिमरिया (एससी), चतरा (एससी), जमुआ (एससी), चंदनकियारी (एससी), तमाड़ (एसटी), खिजरी (एसटी), कांके (एससी), मांडर (एसटी), तोरपा (एसटी), खूंटी (एसटी), सिसई (एसटी), गुमला (एसटी), बिशुनपुर (एसटी), सिमडेगा (एसटी), कोलेबिरा (एसटी), लोहरदगा (एसटी), छतरपुर (एससी), मनिका (एसटी) और लातेहार (एससी).

झारखंड की राज्य स्तरीय पार्टियां

ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन पार्टी (AJSU), झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), राष्ट्रीय जनता दल (RJD)

झारखंड विधानसभा चुनाव कब है?

झारखंड विधानसभा के चुनावों की घोषणा कभी भी हो सकती है. सितंबर के अंत में या अक्टूबर की शुरुआत में इलेक्शन डेट की घोषणा होने की उम्मीद है. झारखंड की वर्तमान सरकार का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 तक है. इसलिए इससे पहले चुनाव करा लिये जायेंगे. वर्ष 2019 की तरह इस बार भी नवंबर-दिसंबर में झारखंड विधानसभा के चुनाव कराए जाएंगे.

Also Read

Jharkhand Assembly Election 2024: पाकुड़ विधानसभा सीट पर है अल्पसंख्यकों का वर्चस्व, जानें पूरा गणित

Jharkhand Assembly Election: चक्रधरपुर में झामुमो-भाजपा की होती रही है भिड़ंत, जिला बनाने की मांग मुख्य मुद्दा

घाटशिला विधानसभा सीट पर कांग्रेस को हराकर झामुमो ने गाड़ा झंडा, भाजपा को हराकर जीते रामदास सोरेन

Jharkhand: सिमरिया एससी सीट पर 4 बार जीती भाजपा, विस्थापन और सिंचाई आज भी बड़ी समस्या

Next Article

Exit mobile version