बोरियो प्रखंड छह वर्ष पहले घोषित ओडीएफ, पर लोग अब भी खुले में कर रहे हैं शौच
लाभुक घास फूस और गोइठा रखने के लिए करते है उपयोग
बोरियो. खुले में शौच मुक्त कराने को लेकर सरकार ने हर घर शौचालय देने की योजना बनायी. स्वच्छ भारत मिशन के तहत लाभुकों को शौचालय दिया गया, ताकि लोग खुले में शौच करने से बच सकेंगे. योजना को संचालित करने में सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च किये, लेकिन स्थानीय अधिकारियों और कर्मियों की लापरवाही से सरकार की योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी. योजना के लाभुकों को शौचालय बनाने के लिए सरकार ने प्रोत्साहन राशि के रूप में 12 हजार रुपये मुहैया कराई, लेकिन लाभुकों ने निम्नस्तर का शौचालय बनाकर पैसे किसी अन्य कार्यों में खर्च कर दिया, जिससे निर्मित शौचालय उपयोगी साबित नहीं हो सका, जबकि प्रखंड के कई गांवों में जलसहियाओं ने घर-घर शौचालय का निर्माण करा दिया, लेकिन शौचालय उपयोगी हो, इसका ख्याल नहीं रखा गया. इस कारण लोगों को निर्मित शौचालयों में घांस-फूंस और गोइठा (उपला) रखने के काम आने लगा. प्रखंड के सभी गांवों में शौचालय बनाने के लक्ष्य को पूरा कर वर्ष 2018 में बोरियो प्रखंड तकरीबन सभी गांवों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया. कागजों पर तो प्रखंड को ओडीएफ घोषित कर दिया गया, लेकिन धरातल पर तस्वीरें कुछ और बयां कर रही है. लोग आज भी खुले में शौच करने को विवश हैं. जानकारी के मुताबिक एसबीएम के तहत बनने वाले शौचालयों की देखरेख और गुणवत्तापूर्ण कार्य हो, इसके लिए प्रखंड समन्वयक की नियुक्ति की गयी थी. विभागीय सूत्रों के मुताबिक शौचालय निर्माण में भारी गड़बड़ी हुई है. कमीशनखोरी के खेल में एसबीएम योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी. शौचालय निर्माण में नीचे से ऊपर तक मालामाल हो गए है. बताते चलें कि शौचालय निर्माण में जिले के बरहेट प्रखंड में करोड़ों का घोटाला हुआ है. मामले की जांच कई एजेंसी कर रही है. हाल ही के दिनों में एसीबी की टीम ने बरहेट प्रखंड पहुंच कर मामले की जांच की थी. बोरियो प्रखंड में भी उक्त योजना में घोटाले की आशंका जताई जा रही है. मामले की उच्चस्तरीय जांच होने पर योजना से जुड़े कई कर्मियों समेत जलसहियाओं पर गाज गिर सकता है. कहते हैं बीडीओ प्रखंड के 27 गांवों अब भी ओडीएफ घोषित नहीं हुआ है. जागरुकता के अभाव में ग्रामीण क्षेत्रों में लोग शौचालय का उपयोग नहीं करते है. लोगों के बीच जागरुकता फैलाकर शौच के लिए शौचालय का उपयोग करने के लिए प्रेरित करना होगा. -नागेश्वर साव, बीडीओ सह सीओ, बोरियो
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