बरहरवा. स्वच्छ भारत अभियान एवं नगर पंचायत बरहरवा को स्वच्छ बनाये रखने के लिए प्रत्येक माह लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं. इसके लिए सफाई कर्मचारी, मजदूर, सुपरवाइजर को लगाया गया है. शहर से कूड़ा-कचरा को प्रत्येक दिन सफाई कर्मी उठाकर नगर पंचायत से बाहर तो ले जाते हैं, लेकिन यह कूड़ा- कचरा फेंकने के लिए एक निश्चित स्थान नहीं रहने के कारण एनएच 80 अंतर्गत हाई स्कूल मोड़ के समीप सड़क के किनारे ही फेंक देते हैं. इस कारण बरसात में यह कूड़ा-कचरा सड़़ गल रहा है, जिससे काफी दुर्गंध फैल रही है. जिससे आसपास के लोगों को परेशानी हो रही है. साथ ही एनएच से गुजरने वाले राहगीरों को भी परेशानी हो रही है. पिछले 6 वर्षों में नगर पंचायत अब तक कूड़ा कचरा फेंकने के लिए जमीन तक चिन्हित नहीं कर पायी है. कई बार तो कचरे को जला भी दिया जाता है. जिससे निकलने वाला जहरीला धुआ काफी नुकसानदायक होता है. आलम यह है कि बरहरवा हाई स्कूल मोड़ से करीब 500 मीटर की दूरी पर सड़क किनारे कचरा दिखाई पड़ता है और दुर्गंध आता है, जो स्वच्छ भारत अभियान की पोल खोलती है. नगर पंचायत कार्यालय की ओर से कुल 64 सफाई कर्मचारियों को शहर के विभिन्न 14 वार्डों में लगाया गया है. जिसमें एक सफाई कर्मी को प्रत्येक दिन 370 रुपए एवं एक ड्राइवर हेल्पर को 510 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जाता है. जिनमें से 44 पुरुष एवं 20 महिला सफाई कर्मी प्रत्येक दिन वार्ड-वार्ड घूम कर कचरा उठाते हैं. इन मजदूरों की मॉनिटरिंग करने के लिए 5 सुपरवाइजर भी कार्यरत हैं. वहीं, कचरा उठाने के लिए नगर में कुल 3 ट्रैक्टर ,01 सक्शन मशीन, 6 छोटा टिपर एवं 14 वार्डों के लिए लगभग 40 हैंड ट्रॉली एवं जगह-जगह डस्टबिन भी लगाए गए हैं. कहते हैं पदाधिकारी नगर पंचायत बरहरवा के कार्यपालक पदाधिकारी अभिषेक कुमार सिंह ने कहा कि बरहरवा में सरकारी जमीन नहीं मिल पा रहा है, इसलिए पतना अंचल कार्यालय से भी संपर्क किया गया है. अगर सरकारी जमीन हम लोगों को मिल जाएगा तो वहां पर एसडब्ल्यूएम प्लांट लगाया जाएगा और वहां पर कचरा डीकम्पोज होगा.
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