45 आंगनबाड़ी केंद्रों को मिलेगी नये भवनों की सौगात
30 भवनों का निर्माण पूर्ण, विभाग को स्थानांतरित, शेष का निर्माण कार्य प्रगति पर
साहिबगंज. नए साल 2025 में जिले के वैसे 45 आंगनबाड़ी केंद्रों को अपना भवन मिलेगा, जो फिलहाल भाड़े के मकान में किसी तरह संचालित हो रहे हैं. एनआरईपी की डीएमएफटी योजना के तहत भवनों का निर्माण कार्य जोर-शोर से चल रहा है. आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण कार्य 15,68,900 रुपए की लागत से करवाया जा रहा है. दरअसल जिले में कुल 1688 आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं. इनमें से तकरीबन 1058 केंद्रों को ही अपना भवन नसीब है. इसके पहले वित्तीय वर्ष 2020-21 में 6.30 लाख रुपए की लागत से मनरेगा के माध्यम से पूरे राज्य में तकरीबन 1794 आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन का निर्माण किया गया था. इनमें से पूरे राज्य में सबसे अधिक 150 आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण की स्वीकृति साहिबगंज जिले को मिली थी. लेकिन जमीन की अनुपलब्धता समेत विभिन्न कारणों से 138 आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन का ही निर्माण किया जा सका था. वहीं इस बार 43 आंगनबाड़ी केंद्रों के नए भवन का निर्माण कार्य किया जा रहा है. इनमें से 29 आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण पूर्ण कर उन्हें विभाग को हैंडओवर कर दिया गया है. नवनिर्मित पांच आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन का रंग-रोगन का कार्य चल रहा है, जबकि 8 आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है. इसके अलावा जमीन विवाद के चलते तीन आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण का कार्य शुरू नहीं किया जा सका है. टेंडर के आधार पर जिले के साहिबगंज प्रखंड में 7, बरहरवा प्रखंड में 6, बरहेट प्रखंड में सबसे अधिक 15, तालझारी प्रखंड में 10 और मंडरो प्रखंड में 5 आंगनवाड़ी केंद्रों के नए भवन का निर्माण किया जा रहा है. अब भी भाड़े के मकान में जैसे-तैसे संचालित हैं सैकड़ों आंगनबाड़ी केंद्र : साहिबगंज जिले में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों को संसाधन युक्त बनाने की कवायद काफी जोर-शोर से चल रही है. बावजूद इसके अभी भी साहिबगंज जिले में सैकड़ों आंगनबाड़ी केंद्र भाड़े के मकान में जैसे-तैसे संचालित हो रहे हैं. इनमें सबसे अधिक शहरी क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या है. उन आंगनबाड़ी केंद्रों में सुविधाओें का घोर अभाव है. इसके चलते वहां कार्यरत सेविका-सहायिकाओं के अलावा धातृ व गर्भवती माताओं व बच्चों को सरकारी सुविधाएं नसीब नहीं हो पा रही है. वहीं भवनों के लिए प्रत्येक माह लगने वाला भाड़ा भी सरकार को वहन करना पड़ रहा है. कई आंगनबाड़ी केंद्र ऐसे भाड़े के मकान में संचालित हैं, जहां तक आवागमन करना भी बच्चों के लिए चुनौती है. इसके चलते कई बार बच्चे और धातृ महिलाएं आंगनबाड़ी केंद्र तक नहीं पहुंच पाते हैं और उन्हें सरकारी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है. क्या कहते हैं जिले के डीसी : आंगनवाड़ी में पहुंचने वाले बच्चों एवं धातृ महिलाओं को सरकार की ओर से अधिक से अधिक सुविधा उपलब्ध हो सके, इसके लिए उन आंगनवाड़ी केंद्रों को संसाधनयुक्त बनाने की कवायद चल रही है. इसी के तहत भवनविहीन आंगनबाड़ी केंद्रों को चिह्नित कर वहां भवन निर्माण करने की प्रक्रिया की जा रही है. – हेमंत सती, डीसी, साहिबगंज जिला समाज कल्याण विभाग की ओर से बन रहे 52 आंगनबाड़ी केंद्र : जिला समाज कल्याण विभाग की ओर से जिले के सात प्रखंडों में 52 आंगनबाडी केन्द्र बन रहे हैं. डीसी हेमंत सती ने बताया कि 11 लाख 8 हजार 200 रुपये की लागत से पतना प्रखंड में 06, बरहरवा प्रखंड में 02, राजमहल प्रखंड में 10, साहिबगंज प्रखंड में 11, बोरियो प्रखंड में 04, बरहेट प्रखंड में 00, उधवा प्रखंड में 19 आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण किया जा रहा है.
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