मनोज यादव, राजमहल : साहिबगंज जिला का एक आदिवासी गांव डायरिया के कहर से परेशान हैं. अब तक उस गांव में 11 लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं. सभी का राजमहल अनुमंडल अस्पताल में चल रहा है, जहां दो की स्थिति नाजुक बतायी जा रही है. मामला तालझारी प्रखंड के दुर्गापुर गांव का है. जिन्हें मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है उनमें लखी मुर्मू (39), तालामय हांसदा (40), बहाली सोरेन (13), सचिन सोरेन (6), मरांमय मुर्मू (40), पानों मरांडी (60), मुन्नी हांसदा (9), मंदरमुली हेंब्रम ( 55), मरांगमय बेसरा (60), सावित्री सोरेन (8), मरांमय हांसदा (48) हैं.
दो मरीजों की स्थिति नाजुक, बाकी लोग खतरे से बाहर
डायरिया पीड़ित मरीज के परिजनों का कहना है कि गांव के सभी लोग एक पुरानी पथरीली कुआं का पानी पीते हैं. ऐसी आशंका जतायी जा रही है कि उसी पानी को पीने लोग बीमार पड़े हैं. इस संबंध में जब राजमहल अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ उदय टुडू से जब बात की गयी तो उन्होंने कहा कि सभी मरीजों को एक विशेष वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है. दो मरीज की स्थिति नाजुक है. अन्य सभी खतरे से बाहर हैं. डायरिया से जुड़ी सभी दवाएं उपलब्ध है . मरीज का इलाज किया जा रहा है.
गांव में सिर्फ एक जलमिनार
इधर अचानक गांव में डायरिया फैलने से लोग काफी भयभीत हैं. ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिन पहले एक महिला को भी डायरिया हुआ था. उसके बाद से अचानक सभी लोग एक-एक कर बीमार हो गये. इसमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी शामिल हैं. उनका कहना है कि गांव में एक नल जल योजना के तहत जलमिनार बनाया गया. लेकिन नियमित पानी की सप्लाई नहीं होने के कारण लोग कुआं का पानी ही पीते हैं.