साहिबगंज. छह वर्षीय बच्ची गोमदी पहाड़ीन की मौत मामले में चिकित्सक पर की गयी कार्रवाई के विरोध में सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने बुधवार से अनिश्चितकालीन ओपीडी सेवा का बहिष्कार कर दिया है. साथ ही सदर अस्पताल के मुख्य द्वार, इमरजेंसी कक्ष, परिचालिका कक्ष, ओपीडी के गेट व दीवारों पर चिकित्सकों ने नोटिस चिपका दिया है. नोटिस में लिखा है कि झासा राज्य इकाई के निर्देश के आलोक में जिला प्रशासन द्वारा चिकित्सक विरोधी आदेशों एवं कार्रवाई के विरोध में जिले के सभी सरकारी चिकित्सक 18 सितंबर से ओपीडी अनिश्चितकालीन बहिष्कार पर हैं. इस दौरान आकस्मिक सेवा पूर्व की तरह बहाल रहेगी. वहीं बुधवार को ओपीडी बाधित रहने के कारण 50 से 60 मरीज बिना इलाज के ही वापस लौट गये. हालांकि इमरजेंसी सेवा में इमरजेंसी मरीजों के अलावे कुछ अन्य मरीजों ने अपना इलाज कराया. इमरजेंसी कक्ष के गेट पर मरीजों की कतार लगी थी. दवा वितरण केंद्र भी बंद रहा, जिसके कारण गरीब मरीज दवा से वंचित रह गये. सदर अस्पताल का सेंट्रल लैब, एसआरएल, एक्स-रे, जन औषधि केंद्र खुला रहा. मौके पर झासा के जिलाध्यक्ष डॉ रणविजय कुमार, डॉ तबरेज आलम, डॉ फरोग हसन, डॉ शहबाज हुसैन, डॉ पूनम कुमारी, डॉ तरुण कुमार, डॉ भारती कुमारी मौजूद थे. सदर अस्पताल के चिकित्सकों पर हुई प्रशासनिक कार्रवाई के विरोध में झासा के नेतृत्व में ओपीडी सेवा बुधवार से अनिश्चितकालीन के लिए बाधित रखा गया है. जिला प्रशासन चिकित्सकों की मांग पर गंभीरता से विचार करे. डॉ रणविजय कुमार जिलाध्यक्ष, झासा साहिबगंज अपनी मांगों को लेकर सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने ओपीडी सेवा बाधित किया है. हालांकि अस्पताल में इमरजेंसी सेवा चालू है. इमरजेंसी में इमरजेंसी मरीजों के अलावे सामान्य मरीजों का भी इलाज किया जा रहा है. डॉ रंजन कुमार, प्रभारी सिविल सर्जन साहिबगंज
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