दंडाधिकारी कार्यालय के समक्ष किया रसुलपुर के ग्रामीणों व परिजनों ने किया प्रदर्शन

स्टेशन पर मां की गोद में ही दम तोड़ दिया मासूम

By Prabhat Khabar News Desk | August 24, 2024 11:59 PM

साहिबगंज. साहिबगंज रेलवे स्टेशन परिसर में तीन दिन के मासूम गोद में बिना इलाज के दम तोड़ दिया. बच्ची की मां नीलम देवी ने बताया कि उसने मायके बिहार के भागलपुर जिले के पीरपैंती प्रखंड अंतर्गत मैनपुर ग्राम में बच्ची को जन्म दिया. तबीयत बिगड़ गयी. शनिवार को वह अपने पति सोने लाल शाह के साथ जयनगर हावड़ा ट्रेन से साहिबगंज पहुंची. साहिबगंज पहुंचने पर वह अपने बच्चे को लेकर थोड़ी पीछे चल रही थी जबकि उसके पति सोनेलाल आगे थे. बताया कि दोनों का टिकट मेरे ही पास था. रेलवे स्टेशन परिसर से बाहर निकलने पर आरपीएफ के जवान ने उनके पति को पकड़ लिया. कहा कि कुछ नहीं केवल आपको पोस्ट चलना है. वहीं से आपको छोड़ दिया जायेगा. आरपीएफ के जवान के द्वारा मेरे पति को आरपीएफ पोस्ट में बंद कर दिया गया. बताया कि घटना लगभग 9:30 बजे की है. इसके बाद वह आरपीएफ के कई पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के समक्ष गुहार लगाती रही कि हमारे पास यात्रा का टिकट भी है. बच्चे काफी बीमार है. इसे इलाज की जरूरत है. आरपीएफ के किसी भी व्यक्ति ने उसकी गुहार नहीं सुनी. नीलम देवी ने बताया कि लगभग दो ढाई घंटे के गुहार के बाद भी उनके पति को नहीं छोड़ा गया. इस बीच गोदी में ही बच्चों ने दम तोड़ दिया. गोद में मरे हुए बच्चे को देखकर नीलम देवी ने आपा खो दिया. रेलवे परिसर स्थित रेलवे न्यायिक दंडाधिकारी के कार्यालय के बाहर आकर विलाप करने लगी. उन्होंने बताया कि उनके विलाप को सुनकर रेलवे न्यायिक दंडाधिकारी ने आरपीएफ के पुलिस निरीक्षक को बुलाकर पूछताछ की और तब जाकर उनके पति को छोड़ा गया. इधर, आरपीएफ की कस्टडी से छूटने के बाद सोनेलाल शाह ने बताया कि वह रसूलपुर दहला का रहनेवाला है. ससुराल से अपनी पत्नी और बच्चे के साथ डॉक्टर महामुद के यहां इलाज कराने के लिए आया था. पर रेलवे स्टेशन के बाहर आरपीएफ के जवान द्वारा बिना किसी कारण के उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. तीन घंटे से अधिक आरपीएफ पोस्ट में बिठा कर रखा. जब वह बाहर निकाल तो पता चला कि उसका बच्चा दुनिया में नहीं रहा. सोनेलाल सवालिया लहजे में पूछ रहा है कि आखिर उसके बच्चे का कसूर क्या था, जिसने बिना इलाज के दम तोड़ दिया. इधर, घटना की सूचना मिलते ही रसूलपुर दहला मोहल्ले से परिजन और आसपास के लोग इकट्ठे हो गये. रेलवे स्टेशन पर हंगामा करने लगे. आरंभ में इन लोगों ने रेलवे न्यायिक दंडाधिकारी के कार्यालय के समक्ष ही हंगामा करना प्रारंभ किया बाद में यह लोग प्लेटफार्म के अंदर आरपीएफ और जवान के विरुद्ध हंगामा करने लगे. इधर हंगामा होते देखा आरपीएफ के पुलिस निरीक्षक क्रिस्टोफर किस्कू, जीआरपी के पुलिस निरीक्षक प्रवीण कुमार नगर थाना प्रभारी पुलिस निरीक्षक अमित कुमार गुप्ता स्टेशन पर पहुंचकर पीड़ित परिवार को समझने का प्रयास किया, जबकि पीड़ित परिवार इस बात पर अड़ा रहा कि जिस जवान ने बिना कुसूर के उसे गिरफ्तार किया है तत्काल उस पर कार्रवाई हो. हंगामा बढ़ता देख जीआरपी आरपीएफ एवं नगर थाना की पुलिस ने सभी को आरपीएफ पोस्ट बुलाया. देर शाम तक पीड़ित पक्ष एवं पुलिस के बीच वार्ता जारी थी. दो दिन की थी बच्ची परिजनों ने बताया कि बच्ची का जन्म सोनेलाल के ससुराल बाराहाट के मैनाचक में हुआ था. जन्म के बाद से ही बच्ची की स्थिति नाजुक बनी थी. वहां के चिकित्सक ने परिजनों को सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ महमूद आलम के पास जाने की सलाह दी. इसके बाद परिजन नवजात बच्ची को लेकर यहां आये थे. एल बच्ची की जिंदगी की भीख मांगती रही मां, नहीं पसीजा आरपीएफ का दिलसाहिबगंज. रेलवे स्टेशन पर शनिवार की करीब 10:00 बजे के लगभग बरौनी पैसेंजर आने के बाद दंपती को आरपीएफ ने रेल लाइन क्रॉस करने के आरोप में पकड़ लिया. जुर्माना के लिए मजिस्ट्रेट कार्यालय के बाहर खड़ा कर दिया. दो घंटे के बाद दंपती की गोद में दो दिन की बीमा मासूम बच्ची थी जो दम तोड़ दिया. इस दौरान बच्ची की मां नीलम देवी ने अपने पास टिकट रहने का सबूत दे रही थी. बच्ची की बीमार रहने की बात कह रही थी कि मेरी बच्ची काफी बीमार है. बावजूद इसके जवानों का दिल नहीं पसीजा. इस तरह की बात महिला नीलम देवी ने आरपीएफ पोस्ट में पुलिस अधिकारियों के समक्ष फफक-फफक कर रोने लगी.कहने लगी कि अगर पुलिस वाला मुझे छोड़ देता तो मेरी बच्ची की जान बच जाती. मैं डॉक्टर को दिखाकर दवा ले लेती.

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