साहिबगंज में स्वधार गृह हुआ बंद, किशोरियों को रखने में हो रही परेशानी

तत्काल वन स्टॉप सेंटर में आवासित की जा रही लड़कियां

By Prabhat Khabar News Desk | April 29, 2024 5:18 PM
an image

साहिबगंज. जिले में कल्याण विभाग द्वारा संचालित स्वधार गृह 30 अप्रैल से बंद है. पहले इसका संचालन गोड्डा के एक स्वयं सेवी संस्था द्वारा सरकार के माध्यम से कराया जा रहा था. मुसीबत में फंसी महिलाओं के आश्रय, भोजन, कपड़े, चिकित्सा उपचार और देखभाल की प्राथमिक आवश्यकता को पूरा करना. बिना किसी सामाजिक और आर्थिक सहायता के प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए स्वधार और उज्ज्वला योजना का विलय कर दिया गया है. इन्हें मिशन शक्ति के समर्थ घटक के तहत ””शक्ति सदन”” एकीकृत राहत और पुनर्वास गृह के रूप में जाना जायेगा. इसका संचालन वर्तमान समय में समाज कल्याण विभाग को करना है. बाल कल्याण समिति के माध्यम से स्वाधार गृह में रखे गये पांच बालिकाओं को तत्काल प्रभाव से दुमका बालिका गृह में आवासित किया गया है. समस्या यह है यदि कोई बच्ची मिलती है. किसी भी माध्यम से उसे आवासित कहां किया जायेगा. बाल कल्याण समिति के सदस्य सुरेंद्रनाथ तिवारी बताते हैं कि यह एक बहुत बड़ी समस्या सामने आ गयी है. जिले में बालिका गृह होना जरूरी है. बड़ी संख्या में बालिकाओं का आना-जाना होता है. कई पॉक्सो के मामले होते हैं, जैसे वर्तमान समय में दो पॉक्सो मामले की बालिकाओं को दुमका भेजा गया है. अभी वन स्टॉप सेंटर में हम लोग बच्चियों को रख पा रहे हैं. लेकिन भोजन, आवासन और परिवहन के संबंध में गाइडलाइन स्पष्ट नहीं है.

डीसी ने 31 मार्च तक संचालन सुनिश्चित करने का दिया था निर्देश

स्वधार गृह बंद होने से उसमें कार्य करने वाली कई महिलाओं का काम समाप्त हो गया है. अभी हाल ही में उपयुक्त ने स्वधार गृह का निरीक्षण किया था. पत्र में यह स्पष्ट निर्देश है कि जिले में स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा किराये के भवन में संचालित शक्ति सदन या सुधार गृह या उज्ज्वल होम को जिला मुख्यालय में उपलब्ध खाली पड़े सरकारी भवन में 31 मार्च तक स्थानांतरित करते हुए अपने स्थल से संचालन सुनिश्चित करते हुए मुख्यालय को सूचित करना सुनिश्चित करें. लेकिन वर्तमान समय तक जिला में इस आदेश के आलोक में शक्ति सदन का संचालन नहीं प्रारंभ हो पाया है.

कोट:

वर्तमान समय में बालिकाओं को वन स्टॉप सेंटर में ही रखा जा रहा है, जिसकी सुरक्षा में चाइल्ड लाइन की टीम लगी है.

सुमन गुप्ता, जिला समाज कल्याण अधिकारी

क्या कहती है बाल संरक्षण पदाधिकारी

समिति में प्रत्येक माह में औसतन 10 लड़कियों का आना-जाना होता है. देखभाल किया जा रहा है.

पूनम कुमारी

बाल संरक्षण पदाधिकारी

साहिबगंज

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version