गुरुनानक देव की 555वीं जयंती को लेकर अरदास जारी

गुरुनानक देव की 555वीं जयंती को लेकर अरदास जारी

By Prabhat Khabar News Desk | November 14, 2024 11:17 PM
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साहिबगंज. सिखों के प्रथम गुरु नानक देव की 555 वीं जयंती शुक्रवार को मनायी जायेगी. इसे लेकर गुरुवार को शहर के न्यू रोड स्थित गुरुद्वार में तीन दिवसीय अरदास जारी है. पटना साहिब से पहुंचे तीन सदस्यीय टीम सोनू सिंह, ट्विंकल सिंह, रविंद्र सिंह ने अरदास किया. कार्तिक पूर्णिमा के दिन समापन होगा. शहर के सिख समुदाय के अलावा अन्य समुदायों के लोग भी गुरुद्वारा में प्रकाश पर्व मनाने को पहुंचेंगे. गुरुद्वारा को बिजली के झालर, फूलों से सजाया गया है. सरदार आनंद गोपाल सिंह व रवि अजमानी ने बताया कि शुक्रवार को सुबह आठ बजे प्रकाश पर्व पर सबसे पहले तालबन्ना स्थित गुरुद्वारा में निशान साहिब की सेवा की जायेगी. निशान को बदल कर नया लगाया जायेगा. इसके बाद न्यू रोड स्थित गुरुद्वारा ग्रंथ साहिब का पाठ समापन के बाद कीर्तन अरदास होगा. इसके बाद प्रसाद वितरण होगा. प्रकाश पर्व पर गुरु के लंगर का आयोजन भी किया जायेगा. न्यू सड़क पर लंगर की व्यवस्था की गयी है. आयोजन को सफल बनाने में सरदार आनंद गोपाल सिंह, रवि अजमानी, हरपाल सिंह, मनप्रीत सिंह, जिया सिंह, जयपाल कौर, चरणजीत कौर, बलजीत कौर लगे हैं. तालबन्ना स्थित पुराना गुरुद्वारा रुके थे गुरु तेग बहादुर साहिबगंज. शहर के तालबन्ना स्थित पुराने गुरुद्वारा में पटना साहिब से असम जाने के क्रम में सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर रुके थे. सरदार आनंद गोपाल सिंह ने बताया कि इस वजह से सिखों के लिए यह जगह अत्यंत ही पवित्र है. वर्तमान में गुरुद्वारे में तीन कमरे हैं, एक में मंदिर व दो भवन व कुएं जर्जर हो चुके हैं. कार्तिक पूर्णिमा के दिन सिख धर्मावलंबी यहां पूजा करने आते हैं. गुरुतेग बहादुर का यहां आज भी निशान मौजूद है. यहां गुरु नानक देव के पुत्र श्रीबंद ने भी पूजा की थी. गुरु तेग बहादुर ने सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए बलिदान दिया था. गुरु तेग बहादुर सिखों के नौवें गुरु थे. गुरु गोविंद सिंह उन्हीं के पुत्र थे, जन्म 21 अप्रैल 1621 में हुआ था. औरंगजेब के आदेश पर उसके सैनिकों ने दिल्ली के चांदनी चौक पर 11 नवंबर 1675 को उनका सिर काट दिया था, उनकी याद में शहीदी स्थल घर शीशगंज साहिब नामक गुरुद्वारे का निर्माण कराया गया था.

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