1000 करोड़ के अवैध खनन मामले में साहिबगंज पहुंची सीबीआई, गोताखोर बुलाकर करायी गयी पत्थर खदान की मापी

झारखंड में 1000 करोड़ के अवैध खनन मामले की जांच करने को लेकर सीबीआई की टीम साहिबगंज पहुंची. गोताखोरों को बुलाकर पत्थर खदान की मापी करायी गयी.

By Guru Swarup Mishra | March 18, 2024 8:09 PM
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साहिबगंज: 1000 करोड़ के अवैध खनन व मनी लाउंड्रिंग मामले में 108 दिन बाद एक बार फिर सीबीआई की टीम साहिबगंज पहुंची. रविवार की शाम ही सीबीआई के अधिकारी साहिबगंज पहुंच गये थे. ईडी के गवाह रहे नींबू पहाड़ प्रधान विजय हांसदा के एसटी-एससी केस में कुछ माह के भीतर पांचवीं बार सीबीआई यहां पहुंची. सोमवार की अहले सुबह सीबीआई की टीम ने डीएमओ कृष्णा किस्कू के साथ मंडरो अंचल के सिमरिया मौजा की ओर रुख की. वहां करीब दो घंटे तक टीम रुकी. इसके बाद सिमरिया मौजा स्थित एक पत्थर खदान की मापी करायी गयी. इसके लिए अमीन बुलाये गये थे.

खदान की मापी की गयी
मापी के दौरान खदान में पानी होने के कारण उसकी गहराई की मापी के लिए गोताखोर को बुलाया गया. खदान की लंबाई, चौड़ाई की मापी के बाद गोताखोर के सहारे तालाब की गहरायी की मापी ली गयी. खदान का लेखा-जोखा लेने के बाद सीबीआई के अधिकारी दस्तावेजों को इकट्ठा किया. सूत्रों के अनुसार, जिस खदान की मापी की गयी, वह पूरी तरह अवैध है, जिससे काफी मात्रा में पत्थर खनन किया गया है.

क्या है मामला
विजय हांसदा के एससी एसटी केस से जुड़े तथ्यों की जांच पड़ताल को लेकर कुछ माह में कई बार सीबीआई ने साहिबगंज में दस्तक दी है. दरअसल मामला यह है कि मंडरो अंचल के सिमरिया मौजा में अवैध खनन के दौरान विस्फोट से ग्रामीणों के घर में दरारें पड़ जाती थीं. इसको लेकर नींबू पहाड़ के प्रधान विजय हांसदा ने मई 2022 को ग्रामीणों के साथ वहां पहुंचकर खनन बंद करवाने को कहा था. लेकिन अवैध खनन में शामिल लोगों ने अपने अंगरक्षकों के सहारे सभी को वहां से भगा दिया था.

सीबीआई कर रही जांच
इसके बाद प्रधान विजय हांसदा ने एसटी-एससी थाने में पंकज मिश्रा, विष्णु यादव, पवित्र यादव, राजेश यादव, बच्चू यादव, संजय यादव व सुवेश मंडल सहित अन्य के खिलाफ अवैध खनन करने व जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत दर्ज करायी थी. बाद में आर्म्स एक्ट मामले में जेल में बंद विजय हांसदा केस उठाने की बात कही थी. इसको लेकर ईडी की टीम ने साहिबगंज मंडल कारा में विजय से घंटों पूछताछ की थी. बाद में विजय हांसदा ईडी के गवाह बन गये थे. हाईकोर्ट के निर्देश पर यह मामला सीबीआई को सौंपा गया था.

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