साहिबगंज के इस्कॉन मंदिर में जुटे कृष्ण भक्त, पश्चिम बंगाल के श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान कर की पूजा-अर्चना

Iskcon Temple Sahibganj: साहिबगंज जिले के कन्हैयास्थान का कन्हाई नाट्यशाला इस्कॉन मंदिर का माहौल भक्तिमय था. कृष्ण भक्त भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन दिखे. पश्चिम बंगाल से आए श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान कर पूजा-अर्चना की और इस्कॉन मंदिर और तमाल वृक्ष की परिक्रमा की.

By Guru Swarup Mishra | January 6, 2025 4:36 PM

Iskcon Temple Sahibganj: मंगलहाट (साहिबगंज)-झारखंड के साहिबगंज जिले के कन्हैयास्थान का कन्हाई नाट्यशाला इस्कॉन मंदिर कृष्ण भक्तों से गुलजार रहा. भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन श्रद्धालुओं का जत्था पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर से ब्रह्मचारी विभूति कृष्ण दास के नेतृत्व में झारखंड पहुंचा. भक्तों ने गंगा में स्नान कर पूजा-अर्चना की. इसके बाद इस्कॉन मंदिर और तमाल वृक्ष की परिक्रमा की.

तीन नावों पर सवार होकर गंगा नदी से पहुंचे कन्हैयास्थान


साहिबगंज जिले के कन्हैयास्थान स्थित कन्हाई नाट्यशाला इस्कॉन मंदिर का माहौल भक्तिमय रहा. सभी उत्साह से सराबोर थे. पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर के पुडोरिक गोरियों मठ मंदिर के ब्रह्मचारी विभूति कृष्ण दास के नेतृत्व में 135 कृष्णभक्तों का जत्था यहां पहुंचा. ये सभी भक्त मानिकचक से तीन नावों पर सवार होकर गंगा नदी के मार्ग से कन्हैयास्थान पहुंचे. मंदिर पहुंचने से पहले सभी भक्तों ने गंगा नदी में पवित्र स्नान किया और गंगा पूजन, भजन-कीर्तन किया. इसके बाद प्रवचन का आयोजन किया गया.

भक्तों ने की इस्कॉन मंदिर और तमाल वृक्ष की परिक्रमा


सभी भक्तों ने इस्कॉन मंदिर और तमाल वृक्ष की परिक्रमा की. गंगा नदी के किनारे ही भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण, राधारानी और अन्य देवी-देवताओं के लिए प्रसाद तैयार किया और इसे भगवान को अर्पित किया. महाप्रसाद ग्रहण करने के बाद भजन-कीर्तन का सिलसिला फिर शुरू हुआ. हर कोई भगवान श्रीकृष्ण और राम नाम का गुणगान करता नजर आया. मंदिर परिसर भगवान श्रीकृष्ण के महामंत्रों से गूंजता रहा.

भगवान श्रीकृष्ण ने चैतन्य महाप्रभु को दिए थे बाल रूप में दर्शन


इस्कॉन मंदिर के पुरोहित कृष्ण कृपा सिंधु ने श्रद्धालुओं को कन्हैयास्थान के महत्व और कन्हाई नाट्यशाला की विशेषताओं की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने चैतन्य महाप्रभु को बाल रूप में दर्शन दिए थे. उन्होंने गुप्त वृंदावन के नामकरण से जुड़ी दिलचस्प जानकारियां साझा कीं.

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