साहिबगंज. क्रिया योग के महान साधक भूपेंद्र सान्याल का साहिबगंज से गहरा संबंध था. उनके भाई के बेटे कमलापति सान्याल साहिबगंज में रेलवे में कार्यरत थे और कॉलेज रोड स्थित अपने घर में रहते थे. भूपेंद्रनाथ सान्याल भी यहां आकर ठहरते थे. उस समय साहिबगंज रेलवे का मुख्य केंद्र था, जहां बंगाली समुदाय के कई रेलकर्मी रहते थे, जो सान्याल के शिष्य थे. शिक्षा के प्रति उनकी गहरी रुचि थी. उन्होंने 1910 में बंगला प्राथमिक विद्यालय की स्थापना के लिए रेलवे से 99 साल की लीज पर जमीन ली. विद्यालय निर्माण में सुंदरलाल जी ने उनका सहयोग किया. यह विद्यालय आज भी “सुंदरमल बंगला विद्यालय ” के नाम से जाना जाता है. 1980 में उनके वंशज प्रशांत कुमार सान्याल ने विद्यालय में भूपेंद्रनाथ सान्याल की आवक्ष प्रतिमा स्थापित की. उनके अनुयायियों ने साहिबगंज में “गुरुधाम ” आश्रम बनाया, जहां आज भी पूजा-पाठ और सत्संग होते हैं. सान्याल परिवार की विरासत अभी भी साहिबगंज में जीवित है. वर्तमान में, रेलवे प्रशासन विद्यालय को हटाना चाहता है, लेकिन स्थानीय लोग इसके संरक्षण की मांग कर रहे हैं और इसे भूपेंद्रनाथ सान्याल के नाम पर रखने की अपील कर रहे हैं. उनकी स्मृति में हर वर्ष गुरुधाम में विशेष पूजा और भंडारे का आयोजन किया जाता है. सान्याल की शिक्षा और अध्यात्म के प्रति निष्ठा आज भी प्रेरणा का स्रोत है.
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