Jharkhand News: बीमार नवजात को लेकर माता-पिता इलाज कराने के लिए साहिबगंज गये थे. मां के पास टिकट था, लेकिन नवजात के साथ मां पीछे रह गयी और पिता को आरपीएफ ने बिना टिकट पकड़ लिया. नवजात का इलाज समय पर नहीं हो पाया और उसकी मौत हो गयी. यह मामला साहिबगंज रेलवे स्टेशन का है.
शनिवार को सुबह 9:38 बजे बरौनी पैसेंजर ट्रेन आने के बाद रसूलपुर दहला निवासी सोनेलाल शाह और उनकी पत्नी नीलम देवी अपने 2 दिन की मासूम बच्ची को लेकर इलाज कराने के लिए साहिबगंज पहुंचे. दोनों प्लेटफॉर्म नंबर एक पर उतरे. नवजात के साथ नीलम थोड़ा पीछे रह गयी और सोनेलाल शाह आगे बढ़ गया.
सोनेलाल जैसे ही साहिबगंज स्टेशन के प्लेटफॉर्म से बाहर निकला, आरपीएफ के जवानों ने उसे यह कहकर पकड़ लिया कि आप रेलवे ट्रैक पार करके बाहर निकले हैं. उसे जुर्माना के लिए मजिस्ट्रेट कार्यालय के बाहर खड़ा कर दिया. पीछे से नीलम भी पहुंच गयी. मजिस्ट्रेट के पास करीब 2 घंटे तक फैसला नहीं हुआ. नीलम नवजात को गोद में लेकर पति के छूटने का इंतजार करती रही.
इसी बीच नवजात बच्ची ने मां की गोद में ही दम तोड़ दिया. जैसे ही बच्ची की मौत की खबर स्टेशन परिसर में फैली, आसपास के लोग जमा हो गये. हंगामा शुरू कर दिया. इसी बीच घटना की जानकारी मिलने पर सोनेलाल को बिना जुर्माना लिये ही छोड़ दिया गया. घटना की सूचना दंपती के साहिबगंज स्थित रसूलपुर दहला के रहने वाले परिजनों को भी मिल गए. वे भी वहां पहुंच गए.
इधर, हंगामा की खबर सुनकर नगर थानेदार अमित कुमार पुलिस अधिकारियों के साथ रेलवे स्टेशन पहुंचे और वहां पर शांति व्यवस्था बहाल करने में लग गये. दंपती के परिजनों को अपने साथ आरपीएफ कार्यालय ले गये, जहां परिजनों से पूरी जानकारी ली. देर शाम परिजनों ने एक लिखित शिकायत दर्ज करायी, जिसमें आरपीएफ जवानों पर लापरवाही का आरोप लगाया और न्याय की मांग की. सभी लोग आरपीएफ जवान की गिरफ्तारी व मुआवजा की मांग कर रहे थे.
मां नीलम देवी बोली – मेरी बेटी की मौत का जिम्मेवार कौन
मां नीलम देवी ने कहा कि बच्ची के इलाज के लिए टिकट कटाकर पीरपैंती से साहिबगंज आये थे. हम दोनों पति-पत्नी का टिकट रहने के बावजूद आरपीएफ द्वारा पति को गिरफ्तार कर तीन घंटे से अधिक बैठाकर रखा गया. इस कारण नवजात का इलाज नहीं करा पाये और इलाज के अभाव में हमारी गोद में ही उसने दम तोड़ दिया. आखिर नवजात की मौत का जिम्मेवार कौन होगा, क्या हमें इंसाफ मिल भी पायेगा?
पिता सोनेलाल बोले – दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो
पिता सोनेलाल साह ने कहा कि आखिर हमारा कुसूर क्या था. हमने तो यात्रा टिकट के साथ ही सफर किया था. फिर क्यों हमें बेवजह गिरफ्तार किया गया, जिसके कारण हम अपनी बच्ची का इलाज नहीं करा पाये. हम केवल इतना चाहते हैं कि जिस आरपीएफ जवान ने बिना कुसूर मुझे गिरफ्तार किया, उस पर सख्त कार्रवाई हो.
ट्रैक पार करने पर लगा था जुर्माना – आरपीएफ इंस्पेक्टर
अभियान के तहत स्टेशन परिसर में रेल ट्रैक पार करने वालों पर जुर्माना लगाया जा रहा था. हमारे जवानों ने रेलवे एक्ट के तहत 4 लोगों को गिरफ्तार किया था. इस दौरान पीड़ित परिवार ने नवजात के बीमार होने की बात नहीं बतायी. अगर पूरी जानकारी पीड़ित व्यक्ति के द्वारा पहले दी जाती, तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती. इस मामले की छानबीन की जा रही है.
क्रिस्टोफर किस्कू, आरपीएफ निरीक्षक, साहिबगंज पोस्ट
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