विधायकी समाप्त होने के बाद लोबिन हेंब्रम कर सकते हैं कोर्ट का रूख

गुरुवार को जैसे ही लोबिन की सदस्यता विधानसभा से खत्म करने का फैसला आया. बोरियो विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं में मायूसी छा गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | July 26, 2024 12:05 AM
an image

साहिबगंज. पूर्व विधायक लोबिन अब झामुमो के खिलाफ कोर्ट का रुख कर सकते हैं. गुरुवार को जैसे ही लोबिन की सदस्यता विधानसभा से खत्म करने का फैसला आया. बोरियो विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं में मायूसी छा गयी. बोरियो विधायक के आवास में चहल पहल कम रही. कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा का बाजार गर्म रहा. वैसे ही लोबिन हेंब्रम वकीलों से राय मशविरा ले रहे हैं. लोबिन लगातार कई अधिवक्ताओं से संपर्क कर रहे हैं. संभवत पार्टी के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट का रुख कर सकते हैं. हालांकि लोबिन की अगली चाल क्या होगी यह अभी स्पष्ट नहीं है. वह कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं. लोबिन शुरू से ही सरकार में रहते हुए विभिन्न मुद्दों पर सड़क से सदन तक सरकार के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं. 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़ कर सदन पहुंचे थे लोबिन. लेकिन बाद में सरकार की नीतियों पर लगातार सवाल खड़ा करते दिख रहे थे. चाहे 1932 के खतियान मुद्दा हो या फिर रोजगार या फिर सीएनटी एक्ट. सभी मुद्दों पर हेमंत सोरेन को घेरते थे. आखिर में पार्टी से बगावत कर लिया, जिसका खमियाजा उन्हें भुगतना पड़ा है. बता दें कि झारखंड विधानसभा न्यायाधिकरण से झामुमो के बागी विधायक को बड़ा झटका लगा है. न्यायाधिकरण में लंबी सुनवाई के बाद स्पीकर ने सदस्यता रद्द करने का फैसला सुनाया है. बुधवार को दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधिकरण ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. गुरुवार को फैसला सुना दिया है. यह लोबिन के लिए एक बड़ा झटका है. लोबिन के अलावा भाजपा से बगावत करने वाले जेपी पटेल की भी सदस्यता खत्म की गयी है. पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ राजमहल लोकसभा से भरा था पर्चा ज्ञात हो कि लोबिन ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ राजमहल लोकसभा क्षेत्र से अपना पर्चा दाखिल किया था, जिसके बाद पार्टी की ओर से उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा था, लेकिन लोबिन ने तेवर दिखाते हुए लोकसभा का चुनाव पार्टी के खिलाफ लड़ा. इसके बाद विधानसभा के न्यायाधिकरण में मामला दर्ज कराया गया था. दल बदल के मामले में स्पीकर न्यायाधिकरण में दोनों पक्षों को सुना गया, जिसके बाद पार्टी से बगावत करना सही पाया गया. बोरियो विधानसभा में 2005 और 2014 में भाजपा को जीत मिली थी 2005 और 2014 में ताला मरांडी ने भाजपा की टिकट पर बोरियो विधानसभा क्षेत्र पर कब्जा करने में कामयाबी हासिल की थी. वर्तमान में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व झारखंड मुक्ति मोर्चा से निष्कासित विधायक लोबिन हेंब्रम के पास है. 2019 में झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन की सरकार बनने के बाद से ही लोबिन हेंब्रम अपनी सरकार के खिलाफ लगातार मुखर रहे हैं. हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में भी लोबिन हेंब्रम ने अपने पार्टी से बगावत करते हुए पार्टी प्रत्याशी विजय हांसदा के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर गए थे. इसके बाद पार्टी ने हेंब्रम को पार्टी से निष्कासित कर दिया था. लोबिन हेंब्रम मुखर रूप से आदिवासी संस्कृति आदिवासी पहचान और आदिवासियों के हक को लेकर आवाज उठाते रहे हैं. 2000 में हुए चुनाव में झामुमो के टिकट पर जीते थे लोबिन2000 में हुए चुनाव में लोबिन हेंब्रम एक बार फिर से झामुमो की टिकट पर चुनाव जीतने में कामयाब रहे. 2000 में ही 15 नवंबर को राज्य बिहार से कटकर झारखंड बना. झारखंड बनने के बाद हुए पहले चुनाव 2005 में भाजपा के ताला मरांडी ने झामुमो को शिकस्त दे दी. एक बार फिर 2009 के चुनाव में लोबिन हेंब्रम इस सीट पर कामयाबी हासिल करने में सफलता पाई परंतु 2014 में फिर ताला मरांडी के हाथों बोरियों सीट गवानी परी. 2019 में हुए चुनाव में लोबिन ने फिर बोरियो सीट पर अपना दबदबा कायम रखते हुए जीत का परचम लहराया परंतु इस बार सरकार झामुमो की ही बनी और लोबिन अपनी आदत के अनुसार अपने ही सरकार के विरुद्ध मुखर रहे. जब तक जिऊंगा आदिवासी हित की बात करता रहूंगा : लोबिन फोटो नं 25 एसबीजी है कैप्सन – गुरूवार को लोबिन हेम्ब्रम साहिबगंज – बोरियो के पूर्व विधायक लोबिन हेंब्रम का कहना है कि वह जब तक जिंदा रहेंगे आदिवासी हित की बात करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि सरकार किसकी है. फर्क केवल इतना पड़ता है कि जहां भी आदिवासियों की अपेक्षा होगी वहां लोबिन हेंब्रम आवाज उठाता रहेगा. खुद को झामुमो का सच्चा सिपाही बताने वाले हेंब्रम कहते हैं कि झामुमो का जन्म ही जल जंगल जमीन और आदिवासी हितों की रक्षा के लिए हुआ है. इसलिए मैं पार्टी में रहूं या निकाल दिया गया. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. मैं आदिवासी हित की बात करता रहूंगा. जल जंगल और जमीन के रक्षा का मुद्दा हमारे लिए हमेशा जीवंत रहेगा. कब रहे विधायक 1990 लोबिन हेंब्रम जेएमएम 1995 लोबिन हेंब्रम निर्दलीय 2000 लोबिन हेंब्रम जेएमएम 2009 लोबिन हेंब्रम जेएमएम 2019 लोबिन हेंब्रम जेएमएम

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version