झासा व आइएमए की बैठक में चिकित्सक पर कार्रवाई के विरोध में चर्चा
एफआइआर दर्ज करने की अनुशंसा को वापस ले जिला प्रशासन, 16 से काला बिल्ला लगाने, 18 से ओपीडी बहिष्कार करने का लिया निर्णय
साहिबगंज. सदर अस्पताल स्थित वेयर हाउस सभागार में रविवार को शाम चार बजे झासा व आइएमए के द्वारा लिये गये प्रस्ताव पर प्रसंग डॉक्टर्स पर प्रशासनिक कार्रवाई के विरोध में झासा व आईएमए संयुक्त बैठक हुई. अध्यक्षता प्रभारी सिविल सर्जन डॉ रंजन कुमार ने की. इसमें स्वास्थ्य के आरडीडी डॉ राजेंद्रनाथ झा, एमओ डॉ अजय सिंह, झासा राज्य कमेटी मनोनित डॉ मोहन पासवान शामिल हुए. इसके बाद डीसी के नाम का ज्ञापन डीसी के गोपनीय में दिया. डीसी को दिये गये पत्र में लिखा गया है कि दैनिक समाचार-पत्र के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि जिला प्रशासन के द्वारा जिन चिकित्सकों के ऊपर एफआइआर दर्ज करने की अनुसंशा की गयी है. सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार नियमानुकूल नहीं है. इसे तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाये. चिकित्सकों के ऊपर कार्रवाई की अनुशंसा की गयी. उपाधीक्षक और सिविल सर्जन के रहते सदर अस्पताल में नोडल पदाधिकारी प्रतिनियुक्ति किया गया है जो कि, न्यायसंगत नहीं है. अगर जिला प्रशासन नोडल पदाधिकारी रखना ही चाहते है तो अप्रिय घटना के लिए भी नोडल पदाधिकारी ही जिम्मेदार होंगे. जिला के सभी अस्पताल में पदस्थापित जिन जिन चिकित्सा पदाधिकारी का वेतन अवरुद्ध है सभी का वेतन अविलंब भुगतान किया जाये. नोडल पदाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्ति डीडीसी की सेवा वापस कर लिया जाये. आउटसोर्सिंग से कार्यरत भूतपूर्व सैनिक अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मिर्जाचौकी को अविलंब सदर अस्पताल साहिबगंज में प्रतिनियुक्ति किया जाये. अगर उपरोक्त सभी मांगें नहीं मानी गयी 16-17 सितंबर को काला बिल्ला लगाकर सांकेतिक हड़तात व 18 से सिर्फ ओपीडी सेवा कार्य बहिष्कार किया जायेगा. मौके पर डॉ रंजन कुमार, डॉ मोहन पासवान, डॉ रणविजय कुमार, डॉ कुलदीप गुप्ता, डॉ तरुण कुमार, डॉ शहबाज हुसैन, डॉ केशव कृष्णा, डॉ महमूद आलम, डॉ मोहन मुर्मू, डॉ किरण माला, डॉ फरोग हसन, डॉ भरती कुमारी, डॉ खालीद अंसारी मौजूद थे.
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