जिले के 400 से अधिक संदिग्ध बैंक खाते किये गये होल्ड
बैंकों का महीनों से चक्कर काट रहे ग्राहक, बढ़ रही समस्या, साइबर क्राइम के ट्रांजेक्शन के मामले अधिक
साहिबगंज. अगर आप साहिबगंज जिले में किसी बैंक के ग्राहक हैं, तो सतर्क हो जाइए. यहां कई लोगों के बैंक खाते सस्पेक्टेड ट्रांजैक्शन के नाम पर महीनों से होल्ड पर डाल दिये गये हैं. बताया जाता है कि, दूसरे राज्यों से संदेहास्पद ट्रांजेक्शन के बाद मिली शिकायतों पर होल्ड लगाये गये हैं. इधर, ग्राहकों की भी समस्या यह है कि बैंक प्रबंधन से उन्हें खाता होल्ड होने की न ही स्पष्ट जानकारी मिल रही है और न समाधान का पता चल रहा है. ग्राहकों को बैंक के चक्कर लगाने के बावजूद कोई ठोस जवाब नहीं मिलता, और होल्ड हटवाने में महीनों या साल भर तक लग सकता है. इस दौरान न तो सरकारी योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है और न ही लोन या बीमा की किस्तें कट रही हैं. इससे लोग मानसिक रूप से परेशान हैं. साहिबगंज में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां ग्राहक अपनी मेहनत की कमाई होते हुए भी उसे निकाल नहीं पा रहे. ग्राहकों का कहना है कि जांच होने तक कम से कम उन्हें वह राशि तो निकालने दिया जाये, जो संदिग्ध नहीं हैं. हालांकि, इन सबके बीच बैंक प्रबंधन जहां नियमों का हवाला दे रहा है, वहीं दूसरी ओर ग्राहक अपनी मजबूरी बता रहे हैं. केस स्टडी 1: 150 रुपये के संदेह पर 80,000 रुपये होल्ड शहर के कुलीपाड़ा मोहल्ला निवासी मोहम्मद शोएब अकरम का बैंक खाता एसबीआइ कॉलेज कैंपस ब्रांच में है. 30 जून 2024 को उनका अकाउंट अचानक होल्ड पर डाल दिया गया. परेशान होकर जब उन्होंने बैंक से जानकारी ली, तो पता चला कि उनके खाते में 150 रुपये का एक संदिग्ध ट्रांजैक्शन गुजरात से हुआ था, जिसके कारण उनका पूरा अकाउंट होल्ड कर दिया गया. खास बात यह है कि उस समय उनके खाते में करीब 80,000 रुपये जमा थे, लेकिन बैंक ने पूरी राशि को होल्ड पर डाल दिया. पांच महीने तक लगातार बैंक के चक्कर लगाने के बाद भी समाधान नहीं मिला. शाखा प्रबंधक राजकुमार पासवान ने उन्हें एक शपथ पत्र जमा करने को कहा, जिससे होल्ड हटाने का आश्वासन दिया गया. लेकिन डेढ़ महीने बीत जाने के बाद भी अकाउंट का होल्ड नहीं हटाया गया, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ गई. केस स्टडी 2: महीनों से होल्ड पर पड़ा अकाउंट हबीबपुर मोहल्ला निवासी एक अन्य ग्राहक का खाता पंजाब नेशनल बैंक में है. उनका अकाउंट भी पिछले कई महीनों से होल्ड पर है. बार-बार बैंक जाने और शिकायत करने के बावजूद कोई समाधान नहीं निकला. यह सिर्फ एक मामला नहीं है, बल्कि पूरे साहिबगंज में 400 से अधिक बैंक ग्राहक इस समस्या से जूझ रहे हैं. कुछ खातों को पूरी तरह से होल्ड पर डाल दिया गया है, जबकि कुछ खातों में सिर्फ उतनी राशि होल्ड की गई है, जितनी संदेहास्पद ट्रांजेक्शन बतायी गयी है. सवाल यह उठता है कि बैंक यह फैसला किस नियम के आधार पर करती है? क्यों कुछ खातों को पूरी तरह से होल्ड कर दिया जाता है और कुछ को आंशिक रूप से? यह आम जनता के लिए समझना मुश्किल हो गया है. क्या कहता है नियम बैंकिंग नियमों के अनुसार, कोई भी जांच अधिकारी मनमाने तरीके से किसी खाते को अनिश्चितकाल तक होल्ड पर नहीं डाल सकता. यह ग्राहकों के संवैधानिक और कानूनी अधिकारों का उल्लंघन माना जाता है. नियमों के अनुसार, यदि किसी खाते पर होल्ड लगाया जाता है, तो खाताधारक सिर्फ होल्ड की गई राशि को नहीं निकाल सकता, लेकिन शेष राशि निकालने का अधिकार उसे होता है. उदाहरण के लिए, यदि किसी खाते पर 500 रुपये का होल्ड लगा है और उसमें 2000 रुपये क्रेडिट हुए हैं, तो खाताधारक 1500 रुपये निकाल सकता है. समस्याओं की गंभीरता जरूरी यदि किसी ग्राहक का बैंक अकाउंट होल्ड पर डाल दिया गया है, तो उसे संबंधित बैंक शाखा में लिखित आवेदन देना चाहिए. ब्रांच मैनेजर को जल्द से जल्द इसकी समीक्षा कर आवश्यक कार्रवाई करनी होती है. बैंकों को चाहिए कि वे ग्राहकों की समस्याओं को गंभीरता से लें और अनावश्यक रूप से खातों को होल्ड करने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनायें. ग्राहकों को भी अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए ताकि वे सही कदम उठा सकें और अपनी मेहनत की कमाई को अनावश्यक रूप से फंसने से बचा सकें. बैंकिंग सेवाएं ग्राहकों की सुविधा के लिए होती हैं, न कि उन्हें परेशान करने के लिए. साहिबगंज सहित देशभर में कई बैंक ग्राहकों को इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जो बैंकिंग प्रणाली की खामियों को उजागर करता है. जरूरी है कि बैंक अपनी नीतियों को स्पष्ट करें और ग्राहकों के साथ पारदर्शिता बनाये रखें, ताकि किसी को भी अपनी मेहनत की कमाई के लिए महीनों तक दर-दर न भटकना पड़े. क्या कहते हैं एलडीएम अलग-अलग मामलों में होल्ड लगाने की अलग-अलग प्रक्रिया होती है.होल्ड लगाने की प्रक्रिया जहां से की जाती है वहीं से जी यह हटाया जाता है. कहा कि जितनी राशि की सस्पेक्टेड ट्रांजेक्शन होती है उतनी राशि पर ही होल्ड लगाने का प्रावधान है. ऐसे में यदि पूरे बैंक अकाउंट पर होल्ड लगाया गया है. तो यह जांच का विषय है. सुधीर कुमार, एलडीएम, लीड बैंक मैनेजर, साहिबगंज
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