झारखंड : NGT ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और ईडी के रवैये पर जतायी नाराजगी, फैसला सुरक्षित
सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने जवाबी हलफनामा दाखिल किया, जबकि प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय लिया.
साहिबगंज: ऐतिहासिक राजमहल पहाड़ के संरक्षण व संवर्धन और जिले में चल रहे अवैध खनन, क्रशर, परिवहन व भंडारण पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए एनजीटी इस्टर्न जोन बेंच कोलकाता में दायर याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को हुई. पीठ के ज्यूडिशियल मेंबर बी अमित स्थालेकर और विशेष सदस्य डॉ अरुण कुमार वर्मा ने याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान याचिका दायर करनेवाले सामाजिक कार्यकर्ता अरशद नसर भी कोर्ट में मौजूद थे.
सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने जवाबी हलफनामा दाखिल किया, जबकि प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय लिया. पीठ ने झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को विस्तृत व तथ्यात्मक रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया. याचिकाकर्ता अरशद की तरफ से कोलकाता हाइकोर्ट की अधिवक्ता पुषाली बनर्जी व दीपांजन घोष ने पक्ष रखा. सुनवाई के दौरान पीठ ने इडी व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए फैसले को सुरक्षित रख लिया. विस्तृत फैसला आने में कुछ दिन लगने की संभावना है. फैसला सुरक्षित रख लेने से पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों और पत्थर कारोबारियों व माफियाओं की धड़कनें बढ़ गयी हैं. अगली सुनवाई 18 जनवरी को होगी.